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Japan: जापान प्रशांत महासागर में बहाएगा 54 हजार टन परमाणु संयंत्र का दूषित कचरा, समुद्री तटों पर रेडियोएक्टिव कचरे से प्रदूषण का खतरा

जापान के फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालक टोक्यो इलेक्टि्रक पावर कंपनी (टेप्को) ने वित्त वर्ष 2024 में संयंत्र से लगभग 54600 टन परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को घोषित योजना के अनुसार इसे एक अप्रैल 2024 से शुरू कर 31 मार्च 2025 तक सात चरणों में प्रशांत महासागर में छोड़े जाने की योजना है।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Fri, 26 Jan 2024 06:23 PM (IST)
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जापान ने वित्त वर्ष में संयंत्र से लगभग 54,600 टन परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की योजना बनाई है।
एजेंसी, टोक्यो। जापान के फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेप्को) ने वित्त वर्ष 2024 में संयंत्र से लगभग 54,600 टन परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को घोषित योजना के अनुसार इसे एक अप्रैल 2024 से शुरू कर 31 मार्च 2025 तक सात चरणों में प्रशांत महासागर में छोड़े जाने की योजना है।

टेप्को की ओर 31 मार्च के अंत तक पूरी योजना को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। फुकुशिमा के साथ ही अन्य देशों में मछुआरों के बीच चिंताओं और विरोध के बावजूद फुकुशिमा से अपशिष्ट जल को छोड़े जाने का कार्य अगस्त 2023 में शुरू हुआ था। संयंत्र रिएक्टर भवनों में परमाणु ईंधन को ठंडा करने से रेडियोधर्मी पदार्थों से दूषित पानी की भारी मात्रा उत्पन्न हो रही है, जिसे परमाणु संयंत्र में टैंकों में संग्रहीत किया जा रहा है।

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