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उत्तर कोरिया की निगरानी के लिए जापान ने लॉन्च की इंटेल सैटेलाइट, पड़ोसी देश की सैन्य गतिविधियों पर रहेगी नजर

इंटेल सैटेलाइट तमाम सुविधाओं से लैस है। खुफिया जानकारी एकत्र करने वाला यह उपग्रह दिन में 24 घंटे और यहां तक कि गंभीर मौसम में भी तस्वीरें ले सकता है। जापान ने 1988 में देश के उत्तर कोरियाई मिसाइल फ्लाईओवर के बाद आईजीएस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 26 Jan 2023 07:12 PM (IST)
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उत्तर कोरिया की निगरानी के लिए जापान ने लॉन्च की इंटेल सैटेलाइट

टोक्यो, एपी। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के खतरनाक मंसूबों को नाकाम करने ले लिए जापान को एक बड़ी सफलता मिली है। उत्तर कोरिया में सैन्य स्थलों पर गतिविधियों को देखने और प्राकृतिक आपदा प्रतिक्रिया में सुधार लाने के मिशन में जापान ने गुरुवार को एक सरकारी खुफिया जानकारी एकत्र करने वाले उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

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नियोजित कक्षा में सफलतापूर्वक किया प्रवेश

मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा प्रक्षेपित H2A रॉकेट, पूर्वी एशिया में बढ़ते खतरों को देखते हुए तैयार किया गया है। अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए टोक्यो के प्रयास में IGS-रडार 7 टोही उपग्रह को लेकर दक्षिण-पश्चिमी जापान में तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। वहीं मित्सुबिशी हेवी ने कहा कि बाद में उपग्रह ने अपनी नियोजित कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया।

क्या है इस इंटेल सैटेलाइट की खासियत

इंटेल सैटेलाइट तमाम सुविधाओं से लैस है। खुफिया जानकारी एकत्र करने वाला यह उपग्रह दिन में 24 घंटे और यहां तक कि गंभीर मौसम में भी तस्वीरें ले सकता है। जापान ने 1988 में देश के उत्तर कोरियाई मिसाइल फ्लाईओवर के बाद आईजीएस कार्यक्रम का शुभारंभ किया और संभावित मिसाइल प्रक्षेपण के लिए पूर्व चेतावनी देने के लिए 10 उपग्रहों का एक नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। आपको बता दें कि उपग्रहों का उपयोग आपदा निगरानी और प्रतिक्रिया के लिए भी किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दी जानकारी

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'सरकार जापान की राष्‍ट्रीय सुरक्षा और संकट प्रबंधन के लिए अत्‍यधिक प्रयास करने के लिए आईजीएस-आरएडीएआर 7 और अन्‍य टोही उपग्रहों के उपयोग को अधिकतम स्‍तर पर पहुंचाएगी।' दिसंबर में किशिदा की सरकार ने एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति अपनाई, जिसमें लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों को एक 'काउंटरस्ट्राइक' क्षमता के रूप में शामिल किया गया है, जो चीन और उत्तर कोरिया में तेज हथियारों की प्रगति का हवाला देते हुए देश के विशेष रूप से आत्मरक्षा-केवल युद्ध के बाद के सिद्धांत से टूटती है।

लगातार 40 सफलताएं दर्ज की

जानकारों का कहना है कि संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और साइबर सुरक्षा क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ जापान के सहयोगी अमेरिका से महत्वपूर्ण मदद की जरूरत होगी।

आपको बता दें कि मित्सुबिशी हेवी ऑपरेटेड, लिक्विड-फ्यूल एच2ए रॉकेट ने 2003 में विफलता के बाद से लगातार 40 सफलताएं दर्ज की हैं।

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