Japan SLIM Moon Mission: 'स्नाइपर' के आज चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी, आखिरी 20 मिनट में इतिहास रचेगा जापान?
जापान के मून मिशन स्नापर का टारगेट चांद के शिओली क्रेटर (गड्ढे) की जांच करना है। ये चांद के सी-ऑफ नेक्टर हिस्से में है। इससे हिस्से में स्नाइपर ये जांच करेगा की चांद कैसे बना था। जापान के स्पेस एजेंसी JAXA ने दो बार छोटे क्षुद्रग्रहों पर लैंडिंग की है लेकिन चांद के गुरुत्वाकर्षण के कारण उस पर उतरना थोड़ा मुश्किल है।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। जापान का मून मिशन स्नाइपर आज चांद की सतह पर लैंड करने वाला है। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने बताया कि स्नाइपर आज रात 9 बजे चांद की सतह पर लैंड करने वाला है। मालूम हो कि जापान ने 6 सितंबर, 2023 को अपने स्नाइपर को चांद के लिए रवाना किया था।
चांद पर लैंड करने वाला पांचवा देश बनेगा जापान
भारत के सफल चंद्रयान-3 मिशन की तरह ही इस वक्त पूरी दुनिया की नजर जापान के स्नाइपर मिशन पर टिक गई है। दरअसल, जापान स्पेस एजेंसी के मुताबिक, इसके लैंडिंग का प्रोसेस 20 मिनट का होगा। आज जापान का यह मिशन सफल होते ही यह 1966 के बाद चांद पर उतरने वाला पांचवा देश बन जाएगा। मालूम हो कि स्नाइपर 25 दिसंबर को चांद की ऑर्बिट में पहुंच गया था और उसके बाद से लगातार चांद की ओर बढ़ रहा है।
एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस स्नाइपर
जापान का स्नाइपर पहले हुए मून मिशन में लैंडिंग के लिहाज से सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है। इसे तय स्थान पर ही उतारा जाएगा, उसकी जगह में कोई बदलाव नहीं होगा। SLIM एक हल्का रोबोटिक लैंडर है। मालूम हो कि इस मिशन को मून स्नाइपर (Moon Sniper) भी कहा जा रहा है। यह मिशन लगभग 831 करोड़ रुपए से ज्यादा का है।JAXA शुक्रवार को 20 मिनट का टचडाउन चरण शुरू करेगा, जो चंद्र भूमध्य रेखा के ठीक दक्षिण में एक क्रेटर की ढलान पर स्थित लगभग दो एथलेटिक ट्रैक के आकार की साइट पर उतरने की कोशिश करेगा।
चांद पर क्या खोजेगा स्नाइपर?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जापान के मून मिशन स्नाइपर का टारगेट चांद के शिओली क्रेटर (गड्ढे) की जांच करना है। ये चांद के सी-ऑफ नेक्टर हिस्से में है। इससे हिस्से में स्नाइपर ये जांच करेगा कि चांद कैसे बना था। यहां मिनरल्स की जांच की जाएगी और साथ ही उसके अंदरूनी हिस्सों के बारे में जानकारी हासिल होगी।जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) का कहना है कि SLIM एक प्रायोगिक तकनीक का परीक्षण करेगा, यह पानी और चंद्रमा पर जीवन को बनाए रखने वाले अन्य कारकों की खोज के लिए अभूतपूर्व और आवश्यक है।