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87 साल की उम्र, आधी सदी तक काटी मौत के मामले में सजा, जापान की कोर्ट ने अब जाकर किया बरी

Japan News जापान के एक मुक्केबाज को हत्या के मामले में करीब 56 साल पहले मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद दोबारा सुनवाई हुई। वे हत्या के कबूलनामे के बाद पलट भी गए। इन सबके बाद जापान कोर्ट ने अब जाकर उन्हें बरी कर दिया है। हालांकि इतनी लंबी सजा पर गिनीज बुक में उनका नाम दर्ज हो चुका है।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Thu, 26 Sep 2024 02:49 PM (IST)
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दुनिया में सबसे लंबे समय तक मौत की सजा पाने वाले कैदी को बरी कर दिया गया। फोटो: सोशल मीडिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व में सबसे लंबे समय तक मौत की सजा काट चुके जापानी शख्स इवाओ हाकामाडा को आखिरकार कोर्ट ने बरी कर दिया है। वे आधी सदी से भी अधिक समय तक मौत की सजा काट चुके थे। इवाओ हाकामाडा को 1968 में अपने बॉस, उसकी पत्नी और उनके दो बच्चों की हत्या का दोषी पाया गया था। उन्होंने हत्या की बात स्वीकार भी की थी, लेकिन बाद में वो पलट गए थे। हाल ही में उनकी मौत पर दोबारा सुनवाई शुरू हुई थी। इसके बाद जापान की अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है। वे 56 वर्षों से फांसी की लंबित सजा काट रहे थे।

दोबारा केस चलाने का दिया था आदेश

इवाओ हाकामाडा की मौत की सजा को फिर से सुनवाई के लिए खोला गया था। जापान की टोक्यो हाईकोर्र्ट ने करीब 55 वर्ष के बाद जापान के इस पूर्व मुक्केजाब इवाओ पर दोबारा केस चलाने का आदेश दिया। हाकामादा ने इन हत्याओं की बात स्वीकार की थी, लेकिन बाद में वो पलट गए थे। उन्होंने कोर्ट में बयान दे दिया था कि दबाव में आकर उन्होंने हत्या की बात स्वीकार की थी। उधर, हाकामाडा की पैरवी कर रहे उनके वकीलों ने कोर्ट के बाहर उनके पक्ष में बैनर लहराए और उन्हें रिहा करने के लिए नारेबाजी की।

मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस पर लगाए आरोप

इवाओ हाकामाडा की उम्र 87 साल की है। जापान के मानवाधिकार संगठनोंं ने भी जापान पुलिस पर जबरन अपराध कबूल करवाने का आरोप लगाया। इवाओ ने आरोप लगाया था कि दबाव बनाने के लिए उनके साथ पूछताछ के दौरान मारपीट भी की गई थी। इवाओ ने दावा किया था कि इसके बाद दबाव में आकर उन्होंने हत्या की बात कबूली थी।

सबसे लंबे समय तक सजा पाने का बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

जापानी कैदी इवाओ को मौत की सजा सुनाए जाने को 5 दशक से भी अधिक समय हो गया है। वर्ष 2014 में तो उनका नाम सबसे लंबे समय तक सजा पाने वाले प्रिजनर के रूप में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया था। इवाओ की उम्र 87 साल है। वे 10 मार्च 1936 को जन्मे थे। इतनी लंबी सजा पाने के बाद जापान की अदालत ने ​उन्हें अब बरी कर दिया है।

बचाव पक्ष के वकीलों ने दी थी यह दलील

2014 में बचाव पक्ष के वकीलों ने यह दलील दी थी कि इवाओ के कपड़ों पर पाए गए खून के दाग का डीएनए मेल नहीं खाता था। इस आधार पर इवाओ को जेल से रिहा कर दिया गया था। बाद में जापानी कोर्ट ने पुन: सुनवाई की अनुमति दी गई थी। हालांकि 87 साल की उम्र में बिगड़ी मानसिक स्थिति में वह अपनी बहन की निगरानी और देखरेख में रह रहा है। लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद इस मामले की पुन: सुनवाई शुरू की गई थी।