Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'चीन के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे नहीं', जापान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐसा क्यों कहा?

भारत और चीन संबंधों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि 2020 में गलवान हमले के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं। एक पड़ोसी के नाते अच्छे संबंधों की आशा करता हूं। दोनों देशों के बीच मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है। यह तब होगा जब चीन नियंत्रण रेखा और पिछले समझौतों का सम्मान करे।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 29 Jul 2024 08:15 PM (IST)
Hero Image
भारत-चीन संबंध पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर। (फाइल फोटो)

टोक्यो, एएनआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ नई दिल्ली के संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं। हालांकि विदेश मंत्री ने कहा कि मैं अच्छे संबंधों की आशा करता हूं।

यह भी पढ़ें: लेबनान और इजरायल के बीच क्या छिड़ेगी जंग? बेरूत की कई उड़ानें रद्द, रोम से लौटे मोसाद चीफ; भारत ने जारी की एडवाइजरी

गलवान के बाद रिश्तों में आई खटास

जापान की राजधानी टोक्यो में प्रेस से बात करते हुए जयशंकर ने कहा, "हमारे अनुभव के आधार पर चीन के बारे में हमारे विचार हैं। चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि 2020 में कोविड महामारी के दौरान चीन ने सीमा क्षेत्रों में बहुत बड़ी संख्या में सेना लाकर हमारे साथ हुए समझौतों का उल्लंघन किया। इससे तनाव पैदा हुआ और झड़प में दोनों पक्षों के कई जवानों ने जान गंवाई है। बता दें कि यह झड़प एलएसी पर गलवान के पास हुई थी।

बेहतर संबंधों की आशा करता हूं

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इसके परिणाम अब भी जारी हैं क्योंकि मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं हुआ है। चीन के साथ अभी संबंध अच्छे और सामान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी के रूप में हम बेहतर संबंधों की आशा करते हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब वे नियंत्रण रेखा का सम्मान करें और अतीत में जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनका भी सम्मान करें।

एलएसी पर 50 हजार जवान तैनात

साल 2020 के मई महीने में चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। इसके बाद से ही एलएसी पर अग्रिम चौकियों पर 50,000 से अधिक भारतीय सैनिक तैनात हैं। इन जवानों के पास एलएसी पर एकतरफा यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने की खातिर उन्नत हथियार हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का मुद्दा अभी तक हल नहीं हुआ है।

यह भी पढ़ें: 'कोचिंग सेंटर गैस चैंबर के समान', छात्रों की मौत पर भड़के उपराष्ट्रपति; बताया- पैसे छापने की मशीन