COP28: स्वच्छ ईंधन 3 गुना करने पर 117 देश सहमत, इस दशक में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाना है लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-28 में शनिवार को 117 देशों की सरकारों ने 2030 तक दुनिया की स्वच्छ ईंधन क्षमता को तीन गुना करने का संकल्प लिया है। ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए परमाणु ऊर्जा का विस्तार करने मीथेन उत्सर्जन में कटौती करने और कोयला बिजली के लिए निजी फंडिंग को बंद करने का प्रस्ताव शामिल है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 02 Dec 2023 10:20 PM (IST)
रायटर, दुबई। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-28 में शनिवार को 117 देशों की सरकारों ने 2030 तक दुनिया की स्वच्छ ईंधन क्षमता को तीन गुना करने का संकल्प लिया है। इन देशों का लक्ष्य इस दशक में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाना है। ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कॉप-28 के दौरान शनिवार को कई घोषणाएं की गईं।
कॉप-28 सम्मेलन के अध्यक्ष ने क्या कहा?
वैश्विक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का लगभग तीन चौथाई स्त्रोत ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित है। ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए परमाणु ऊर्जा का विस्तार करने, मीथेन उत्सर्जन में कटौती करने और कोयला बिजली के लिए निजी फंडिंग को बंद करने का प्रस्ताव शामिल है। कॉप-28 सम्मेलन के अध्यक्ष संयुक्त अरब अमीरात के सुल्तान अल-जबर ने कहा कि यह प्रस्ताव दुनिया को बेरोकटोक कोयले के इस्तेमाल से दूर करने में मदद कर सकता है और करेगा।
ऊर्जा प्रणाली से जीवाश्म ईंधन को हटाने में मिलेगी मदद
यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व में अपनाए गए प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने से 2050 तक विश्व की ऊर्जा प्रणाली से जीवाश्म ईंधन को हटाने में मदद मिलेगी।कई देशों ने प्रस्ताव का किया समर्थन
प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों में ब्राजील, नाइजीरिया, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, चिली और बारबाडोस शामिल है। चीन और भारत ने भी 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने के प्रस्ताव का समर्थन करने का संकेत दिया है। स्वच्छ ईंधन का उपयोग बढ़ाने के प्रयासों के तहत देशों के छोटे समूह परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने की योजना भी बना रहे हैं। 20 से अधिक देशों ने शनिवार को 2050 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के लक्ष्य के साथ एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया।
अमेरिकी जलवायु दूत ने नए रिएक्टरों के निर्माण पर दिया जोर
इस अवसर पर अमेरिकी जलवायु दूत जान केरी ने कहा कि दुनिया नए रिएक्टरों के निर्माण के बिना ''नेट जीरो'' उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि हम यह तर्क नहीं दे रहे हैं कि परमाणु ऊर्जा अनिवार्य रूप से हर अन्य ऊर्जा का विकल्प होगी। लेकिन, आप परमाणु ऊर्जा के बिना 2050 तक ''नेट जीरो'' तक नहीं पहुंच सकते।यह भी पढ़ेंः ताप बिजली संयंत्रों के बगैर ऊर्जा सुरक्षा संभव नहीं, केंद्र सरकार ने क्यों बदली अपनी नीति?