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गाजा के अल शिफा अस्पताल में 20 बंदूकधारी ढेर, हमास के नेताओं के छिपे होने की जानकारी पर इजरायली सेना ने की कार्रवाई

इजरायली सुरक्षा बलों ने सोमवार तड़के गाजा के मुख्य अस्पताल अल शिफा पर फिर छापेमारी की। इजरायली सेना ने कहा कि 20 फलस्तीनी बंदूकधारियों को मार गिराया गया है। कई अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। सेना ने कहा कि अस्पताल से चल रही आतंकी गतिविधियों के बारे में मिली खुफिया जानकारी के बाद जब इजरायली बल जब परिसर में घुसे तो अंदर से फायरि‍ंग की गई।

By Agency Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 19 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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गाजा के अल शिफा अस्पताल में 20 बंदूकधारी ढेर। (फाइल फोटो)
रायटर, रफाह। इजरायली सुरक्षा बलों ने सोमवार तड़के गाजा के मुख्य अस्पताल अल शिफा पर फिर छापेमारी की। इजरायली सेना ने कहा कि 20 फलस्तीनी बंदूकधारियों को मार गिराया गया है। कई अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है।

सेना ने कहा कि वह अल शिफा अस्पताल से आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करती रहेगी। इस अस्पताल से चल रही आतंकी गतिविधियों के बारे में मिली खुफिया जानकारी के बाद जब इजरायली बल जब परिसर में घुसे तो अंदर से फायरि‍ंग की गई।

अब तक 31,756 से अधिक फलस्तीनियों की मौत

इसके बाद इजरायली बलों ने उन्हें लक्षित करते हुए ताबड़तोड़ गोलाबारी की। दूसरी ओर, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस अभियान में कई फलस्तीनियों की जान गई है। गोलाबारी में एक इमारत में आग लग गई। कहा, इजरायली हमले में अब तक 31,756 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

अल शिफा अस्पताल गाजा पट्टी का सबसे बड़ा अस्पताल है। युद्ध के बाद उत्तरी गाजा में यही एक अस्पताल बचा है जहां अब भी आंशिक रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा यहां इजरायली हमले में बेघर हुए हजारों लोग शरण लिए हुए हैं।

इजरायल ने नवंबर में भी अल शिफा अस्पताल पर हमला किया था। स्थानीय निवासी मोहम्मद अली कहते हैं कि हमने पश्चिमी सड़क पर अचानक धमाकों और गोलाबारी की आवाजें सुनीं, इसके बाद जल्द ही देखा कि टैंक अल-शिफा अस्पताल की ओर बढ़ रहे हैं।

इसके बाद गोलीबारी और धमाकों की आवाजें बढ़ गईं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जैसे ही अस्पताल परिसर में गोलीबारी शुरू हुई वहां सारी सुविधाएं बाधित हो गईं। लोग सर्जरी और इमरजेंसी यूनिट में फंस गए।

व्हाइट हाउस के अनुसार, इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक महीने से अधिक समय के बाद सोमवार को बात की। इस दौरान रफाह में की जा रही कार्रवाई पर चर्चा के लिए इजरायली अधिकारियों को वाशि‍ंगटन भेजने पर नेतन्याहू सहमत हुए हैं।

यूएनआरडब्ल्यूए प्रमुख को इजरायल ने गाजा में प्रवेश से रोका

इजरायली अथारिटी ने सोमवार को यूएन की फलस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के प्रमुख फिलिप लाजरिनी को गाजा पट्टी में प्रवेश से रोक दिया। मिस्त्र के विदेश मंत्री ने इसे अभूतपूर्व बताया है। इजरायल इस एजेंसी पर हमास आतंकियों से मिले होने का आरोप लगाता रहा है।

युद्धविराम वार्ता के लिए कतर में प्रतिनिधिमंडल भेज रहा इजरायल

इजरायल ने कहा है कि वह सोमवार को कतर में मोसाद प्रमुख की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। यह हमास के मध्यस्थों से वार्ता करेगा। इजरायली अधिकारी ने बताया कि इजरायल इसमें छह सप्ताह के युद्धविराम के बदले 40 बंधकों की रिहाई का प्रस्ताव करेगा। अधिकारियों का आकलन है कि इस दौर की वार्ता में दो हफ्ते लग सकते हैं।

उत्तरी गाजा की 70 प्रतिशत आबादी भुखमरी की कगार पर: यूएन

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने कहा है कि उत्तरी गाजा की लगभग 70 प्रतिशत आबादी भुखमरी की कगार पर है। द व‌र्ल्ड फूड प्रोग्राम ने सोमवार को समग्र खाद्य सुरक्षा की ताजा रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि गाजा में हर कोई पर्याप्त भोजन पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

उत्तरी गाजा में लगभग 2,10,000 लोग चरण पांच में हैं, जो सबसे अधिक विनाशकारी भूखमरी का संकेत देता है। इसमें चेतावनी दी गई है कि यदि इजरायल ने खचाखच भरे दक्षिणी शहर रफाह पर हमले बढ़ाए तो गाजा की 23 लाख की कुल आबादी में से लगभग आधी भयावह भुखमरी की ओर बढ़ सकती है।

इस बीच इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से गाजा में भुखमरी को रोकने के लिए अंतरिम आदेशों के लिए दक्षिण अफ्रीका के अनुरोध को अस्वीकार करने का आग्रह किया है। दक्षिण अफ्रीका ने याचिका में आरोप लगाया है कि गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का सैन्य अभियान जेनोसाइड कन्वेंशन का उल्लंघन है।

दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से गाजा में फलस्तीनियों को नरसंहार और भुखमरी से बचाने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

इजरायल ने लिखित प्रतिक्रिया में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को बताया कि अपनी याचिका में किए गए दक्षिण अफ्रीका के दावे निराधार हैं। हालांकि इजरायल में यह माना है कि इस युद्ध में नागरिक हताहत हुए हैं जो दुखद है। अदालत ने दक्षिण अफ्रीका के अनुरोध पर निर्णय देने के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।

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