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कुवैत अग्निकांड के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू, विदेशी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर उठे गंभीर सवाल

मंगाफ शहर में बुधवार तड़के आग लगने के समय इमारत में रहने वाले अधिकांश लोग सो रहे थे और ज्यादातर की मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई। घटना के बाद ऐसे रियल एस्टेट मकान मालिकों और कंपनी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी जोकि पैसे बचाने के चक्कर में कानून का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में विदेशी मजदूरों को अत्यंत असुरक्षित जगहों में रखते हैं।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Published: Sat, 15 Jun 2024 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2024 11:00 PM (IST)
हादसे में मारे गए 46वें भारतीय का शव मुंबई पहुंचा। (फाइल फोटो)

पीटीआई, दुबई। कुवैत में सात मंजिला इमारत में भीषण अग्निकांड के बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। इस हादसे में 46 भारतीयों सहित 50 लोगों की जान चली गई थी।

मंगाफ शहर में बुधवार तड़के आग लगने के समय इमारत में रहने वाले अधिकांश लोग सो रहे थे और ज्यादातर की मौत धुएं के कारण दम घुटने से हुई। इमारत में 196 प्रवासी कामगार रहते थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय थे। इस घटना के बाद ऐसे रियल एस्टेट मकान मालिकों और कंपनी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी जोकि पैसे बचाने के चक्कर में कानून का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में विदेशी मजदूरों को अत्यंत असुरक्षित जगहों में रखते हैं।

46वें भारतीय का पार्थिव शरीर शनिवार को मुंबई पहुंचा

उधर, 46वें भारतीय डेनी करुणाकरण का पार्थिव शरीर शनिवार की अलसुबह छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। शव वहां से परिजनों को सौंपा गया। 45 भारतीयों के शव शुक्रवार को ही कुवैत से भारत पहुंच गए थे और उनकी अलग-अलग स्थानों पर परिजनों ने अपने-अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंत्योष्टि की।

रविवार को बेटे का अंतिम संस्कार करेंगे पिता

33 वर्षीय डेनी के पिता बेबी कुट्टी ने बताया कि शव को शवगृह में रखा गया है और रविवार को बेटे का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डेनी चार साल पहले कुवैत गया था और एनबीटीसी में अकाउंट्स और सेल्स कोऑर्डिनेटर था।

दो महीने पहले बेटे से हुई थी बातचीत

कुट्टी ने कहा कि उन्होंने बेटे से करीब दो माह पहले बातचीत की थी और हमने उसकी शादी तय करने की योजना बनाई थी। बेटा दो साल पहले घर आया था। वह फ्लैट खरीदना चाहता था और इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहा था।

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