Israel-Hamas War: अरब होकर भी इजरायलियों का कर रहे थे इलाज, हमास आतंकियों ने मारी गोली; IDF ने माना अपना हीरो
अवद दारावशे 23 के वर्ष युवा था वह म्यूजिक कॉन्सर्ट का हिस्सा बनने के लिए लिए नहीं बल्कि योसी एम्बुलेंस के कर्मचारी के तौर पर वहां मौजूद था जिन्हें इमरजेंसी सर्विस के लिए तैनात किया गया था। अचानक घायल खून में लथपथ होकर पैरामेडिक्स स्टेशन की ओर दौड़ने लगे। दारावशे ने वहां से भागने से इनकार कर दिया और घायल का इलाज करते हुए उसे गोली मार दी गई।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 15 Oct 2023 05:33 PM (IST)
एपी, जरुशलेम। हमास ने इजरायल पर जब अचानक हमला किया, तो इसी दौरान उन्होंने दक्षिणी इजरायल के एक म्यूजिक कॉन्सर्ट में भी कुछ यहूदियों को अपना निशाना बनाया। उस दौरान वहां पर हजारों यहूदी मौजूद थे, तो उनके बीच एक इजरायली अरब पैरामेडिक भी मौजूद था। उसने वहां फंसे लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी समझा और वहां से नहीं भागा, जिसके कुछ देर बाद उसे भी हमास आतंकियों के गोलियों का निशाना बनना पड़ा।
इमरजेंसी सर्विस के लिए तैनात थे अवद दारावेश
दरअसल, अवद दारावशे 23 वर्ष का युवा था, वह म्यूजिक कॉन्सर्ट का हिस्सा बनने के लिए लिए नहीं, बल्कि योसी एंबुलेंस के कर्मचारी के तौर पर वहां मौजूद था, जिन्हें इमरजेंसी सर्विस के लिए तैनात किया गया था।
घायल का इलाज करते हुए बने शिकार
7 अक्टूबर के तड़के सुबह ही इजरायल की राजधानी में रॉकेट की चेतावनी देते हुए मिसाइल बजने लगे और आसमान से लगातार रॉकेट गिरने लगे। हर तरफ गोलियों की तड़तड़ाहट होने लगी। उस दौरान कॉन्सर्ट में मस्ती करने वाले लोग अचानक घायल, खून में लथपथ होकर पैरामेडिक्स स्टेशन की ओर दौड़ने लगे, लेकिन जल्द ही अराजकता एकदम बढ़ गई। जैसे ही हमास आतंकियों का हमला तेज हुआ, सभी से पैरामेडिक्स स्टेशन खाली करने को कहा गया, लेकिन दारावशे ने जाने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह कुछ घायलों का इलाज कर रहा था। तभी अचानक एक घायल की मरहम पट्टी करते समय उसे गोली मार दी गई।यह भी पढ़ें: Israel-Hamas War: इजरायल के हवाई हमले में हमास का एक और टॉप कमांडर ढेर, मौत के साये में गाजा के लोग
आतंकियों और घायलों में समन्वय के लिए रुके थे अवद
कुछ दिनों बाद, उसके शव की पहचान होने के बाद, वहां मौजूद अन्य पैरामेडिक्स ने दारावशे के परिवार को बताया कि उसने रुकने का विकल्प क्यों चुना। दरअसल, दारावशे को लगा कि वह खुद एक अरबी है, तो वह हमास के लोगों और पैरामेडिक्स स्टेशन में फंसे लोगों के बीच समझौता करवाने में सक्षम रहेगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए दारावेश के चचेरे भाई ने कहा, "उसने अपने साथियों से कहा कि वह अरबी जानता है और स्थिति को संभाल लेगा।"
हालांकि, सबका भला सोचने वाले दारावेश के फैसले ने उसके पूरे परिवार को जिंदगी भर न भूल पाने वाली याद दे दी। उनके चचेरे भाई ने कहा, "उसने हमें बहुत दर्द दिया, उसने हमें बहुत पीड़ा दी, उसने हमें बहुत दुःख दिया, लेकिन उन्होंने हमें बहुत गौरव भी दिलाया, क्योंकि उसने आखिरी क्षण तक अपने मिशन पर बने रहने का फैसला किया था।"