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इजरायली बमबारी की अरब जगत ने की निंदा, फलस्तीन के राष्ट्रपति बोले- अब हम नहीं छोड़ेंगे अपनी जमीन

मिस्र की राजधानी काहिरा में आयोजित शांति सम्मेलन में गाजा पट्टी पर इजरायली बमबारी की अरब जगत ने निंदा की। अरब नेताओं ने हिंसा रोकने के स्थायी प्रयास की जरूरत बताई। वहीं यूरोपीय प्रतिनिधि ने कहा कि आमजनों को ढाल न बनाया जाए जबकि फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने कहा कि अब हमारे नागरिक अपनी जमीन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 21 Oct 2023 11:47 PM (IST)
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Israel War: गाजा पर इजरायली बमबारी की अरब नेताओं ने की निंदा
रायटर, काहिरा। गाजा में शांति के लिए शनिवार को मिस्र में आयोजित सम्मेलन में अरब देशों के नेताओं ने इजरायली वायुसेना की निर्मम बमबारी की निंदा की, जिसमें हजारों की संख्या में आमजन और उनके घर निशाना बने हैं, जबकि यूरोपीय नेताओं ने हमास की ओर इशारा करते हुए कहा कि लड़ाई में आमजनों को ढाल नहीं बनाना चाहिए। उन्हें ढाल बनाने से ही बड़ी संख्या में निर्दोष निशाना बन रहे हैं। इजरायल के भाग न लेने और अमेरिका की प्रतीकात्मक भागीदारी के कारण सम्मेलन का कोई परिणाम निकलने की संभावना पहले ही क्षीण पड़ चुकी थी।

काहिरा में हुआ शांति सम्मेलन

इजरायल पर हमास के हमले और गाजा पर इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई के दो सप्ताह पूरे होने पर शनिवार को काहिरा में शांति सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में ज्यादातर देशों ने गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों की घेराबंदी से मानवीय आपदा पैदा होने के खतरे पर चिंता जताई।

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'हिंसा को रोके जाने की जरूरत'

अरब देशों के नेताओं ने कहा कि इजरायल और फलस्तीनियों के बीच दशकों से जारी हिंसा को स्थायी रूप से रोके जाने के लिए प्रयास की जरूरत है। हिंसा के इसी माहौल में हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया और उसके जवाब में अब इजरायली सेना गाजा पर हमले कर रही है।

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अमेरिका का कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं हुआ शामिल

दोनों पक्षों में अभी तक हुईं शांति वार्ताओं में शामिल रहे अमेरिका के किसी बड़े अधिकारी के सम्मेलन में शामिल न होने से उसके परिणाम को लेकर पहले से ही शंका जताई जा रही थी। सम्मेलन में काहिरा में अमेरिकी दूतावास के प्रभारी ने हिस्सा लिया और कहा कि सम्मेलन के संयुक्त बयान को देखकर अमेरिका अपना रुख तय करेगा।

इजरायल के हमलों पर दुनिया की चुप्पी की निंदा

सम्मेलन में जार्डन के शाह अब्दुल्ला ने आमजनों पर इजरायल के हमलों पर दुनिया की चुप्पी की निंदा की। इन हमलों में हजारों फलस्तीनी मारे गए हैं और दस लाख से ज्यादा बेघर हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी यह संदेश जा रहा है कि इजरायली जीवन के आगे फलस्तीनियों की जान की कोई कीमत नहीं है। इसके चलते जो हिंसा हो रही है, उसमें गाजा, वेस्ट बैंक और इजरायल में निर्दोषों की जानें जा रही हैं। अब्दुल्ला ने इजरायल-फलस्तीन विवाद खत्म करने के लिए न्यायपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई।

'फलस्तीनी नहीं छोड़ेंगे अपनी जमीन'

सम्मेलन में फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि फलस्तीनी अब न तो विस्थापित होंगे और न ही अपनी जमीन छोड़ेंगे। सम्मेलन के आयोजक मिस्र के राष्ट्रपति आब्देल फतह अल-सीसी ने विस्थापित फलस्तीनियों के अपने देश में आने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया, क्योंकि देश के लोग यह नहीं चाहते हैं। उन्होंने स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना से ही समस्या का स्थायी समाधान होने की बात कही।

गाजा में विशेष गलियारा बनाने का सुझाव

सम्मेलन में फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने आमजनों को मदद पहुंचाए जाने के लिए गाजा में विशेष गलियारा बनाए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने क्षेत्र में संघर्षविराम की भी आवश्यकता जताई। सम्मेलन में जर्मनी के प्रतिनिधि ने कहा कि हमास के खिलाफ लड़ाई का इजरायल का अधिकार है, लेकिन इसके बीच आम लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, जबकि ब्रिटेन ने इजरायली सेना से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने और संयम बरतने की अपेक्षा जताई।

नहीं जारी हो सका संयुक्त बयान

यह सम्मेलन क्षेत्र में युद्ध का विस्तार होने के खतरे से बचाव के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन तीन राजनयिकों ने संयुक्त बयान जारी किए जाने पर असहमति जता दी। उनका कहना है कि संघर्षविराम का बयान जारी करने का कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि वर्तमान स्थिति में वह लागू नहीं हो सकता है। यह इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा।