ईरान में 1953 के तख्तापलट को CIA ने माना अलोकतांत्रिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने स्वीकार की भूमिका
इस्लामिक गणराज्य के तेजी से आगे बढ़ने वाले परमाणु कार्यक्रम मध्य पूर्व में मिलिशिया समूहों को सहायता देने और असहमति पर नकेल कसने को लेकर ईरान (IRAN) और वाशिंगटन के बीच तनाव बना हुआ है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी(US intelligence agency) ने एक बयान में कहा कि सीआइए (CIA) का नेतृत्व जनता के साथ यथासंभव खुला रहने के लिए प्रतिबद्ध है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 12 Oct 2023 10:19 PM (IST)
एपी, दुबई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि ईरान में उसके समर्थन से किया गया 1953 का तख्तापलट अलोकतांत्रिक था। सीआइए के बड़े ऑपरेशनों में से एक के बारे में नई जानकारी देत हुए पहली बार कुछ और भी स्वीकार किया है। 1953 में ईरान में अमेरिका ने जिस तरह से तख्तापलट किया था उसी का नतीजा 1979 की ईरानी क्रांति थी।
क्या है सीआइए का आधिकारिक बयान?
सीआइए अब आधिकारिक तौर पर ईरान में समर्थित 1953 के तख्तापलट का वर्णन करती है। उस समय उसने मोहम्मद मोसेद्दक सरकार का तख्तापलट कर मोहम्मद रजा पहलवी के शासन को मजबूत किया था। अब पहलवी के शासन को अलोकतांत्रिक करार दिया है।
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हालांकि, अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने पूर्व में इसी तरह की टिप्पणियां की हैं, लेकिन एजेंसी के इतिहास के बारे में पाडकास्ट में सीआइए की स्वीकृति तब आती है जब तख्तापलट के 70 साल बाद भी उसका आधिकारिक इतिहास गोपनीय रहता है।
ईरान और वाशिंगटन के बीच तनाव
इस्लामिक गणराज्य के तेजी से आगे बढ़ने वाले परमाणु कार्यक्रम, मध्य पूर्व में मिलिशिया समूहों को सहायता देने और असहमति पर नकेल कसने को लेकर ईरान और वाशिंगटन के बीच तनाव बना हुआ है।
एपी के सवालों के जवाब में खुफिया एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सीआइए का नेतृत्व जनता के साथ यथासंभव खुला रहने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने 1953 के तख्तापलट को ईरान के आंतरिक मामलों में निरंतर अमेरिकी हस्तक्षेप के रूप में वर्णित किया।ये भी पढ़ें: इजरायल पर हमास के हमले ने यहूदियों के खिलाफ नरसंहार की यादें ताजा कीं- बाइडन