जलवायु संकट के समाधान के लिए दुनिया को भारत से उम्मीद, राष्ट्रमंडल की महासचिव बोलीं- हिंदुस्तान में नेतृत्व का साहस
जलवायु शिखर सम्मेलन (काप 28) में वार्ताकार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार-विमर्श में जुटे हैं। राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्काटलैंड ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान के लिए दुनिया भारत के नेतृत्व और बौद्धिक शक्ति से उम्मीद लगाए बैठी है। उन्होंने कहा वह खुशी से यह देखने के लिए इंतजार कर रही हैं कि भारत क्या निर्णय लेगा।
पीटीआई, दुबई। जलवायु शिखर सम्मेलन (काप 28) में वार्ताकार ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के सर्वोत्तम तरीकों पर विचार-विमर्श में जुटे हैं। राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्काटलैंड ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान के लिए दुनिया भारत के नेतृत्व और बौद्धिक शक्ति से उम्मीद लगाए बैठी है।
उन्होंने कहा, वह खुशी से यह देखने के लिए इंतजार कर रही हैं कि भारत क्या निर्णय लेगा। वार्षिक जलवायु सम्मेलन से इतर समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में राष्ट्रमंडल की महासचिव ने उक्त बातें कहीं।
भारत 1.40 अरब लोगों का पेट पालता है- पेट्रीसिया
जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की बढ़ती मांग के बीच भारत से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर पेट्रीसिया ने कहा कि भारत 1.40 अरब लोगों का पेट पालता और उनकी देखभाल करता है, जो राष्ट्रमंडल के 56 देशों के समूह की आबादी का करीब आधा है।
वर्ष 2023 सबसे गर्म होने वाला है- विश्व मौसम संगठन
उन्होंने कहा कि मैं जो उम्मीद कर रही हूं भारत में अपनी स्थिति संभालने और नेतृत्व करने का साहस होगा और वह ऐसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु न्याय की अवधारणा का मतलब है कि नुकसान और क्षति की भरपाई की जानी चाहिए। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, वर्ष 2023 सबसे गर्म होने वाला है।
लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान
पृथ्वी की वैश्विक सतह का तापमान पूर्व औद्योगिक काल (1850-1900) की तुलना में लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से जीवाश्म ईंधन जलने के कारण वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साइड अधिक उत्सर्जित हो रही है।
राष्ट्रों के लिए एक महत्वाकांक्षी परिणाम अपनाना सफलता की कुंजी
गुटेरस संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का मंगलवार को समापन होने जा रहा है। इससे पहले सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि सफलता की कुंजी राष्ट्रों के लिए एक महत्वाकांक्षी परिणाम अपनाना है जो निर्णायक जलवायु कार्रवाई और इसे बनाए रखने के लिए एक विश्वसनीय योजना को प्रदर्शित करता है।
1.5 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान वृद्धि की सीमा जलवायु संकट की अग्रिम पंक्ति में मौजूद लोगों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि हम जलवायु आपदा के कगार पर हैं और यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।
ये भी पढ़ें: Russia-Ukraine War: यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने किया हवाई हमला, दो लोग घायल; कई इमारत हुए क्षतिग्रस्त