ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रईसी ने परमाणु वार्ता का किया समर्थन, लेकिन बाइडन से मुलाकात से किया इनकार
ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को ईरान और विश्व की छह शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत का समर्थन किया लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 22 Jun 2021 05:34 PM (IST)
दुबई, एजेंसी। ईरान के निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने सोमवार को ईरान और विश्व की छह शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए बातचीत का समर्थन किया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
शुक्रवार को राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में रईसी ने कहा कि उनकी विदेश नीति में ईरान के खाड़ी अरब पड़ोसियों के साथ संबंधों में सुधार को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही उन्होंने देश के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब से यमन में अपने हस्तक्षेप को तुरंत रोकने के लिए कहा है। रईसी 3 अगस्त को व्यावहारिक तौर पर हसन रूहानी से पदभार ग्रहण करेंगे, क्योंकि ईरान क्षतिग्रस्त परमाणु समझौते से उबारना चाहता है और ईरान की अर्थव्यवस्था को अपंग बनाने वाले अमेरिकी प्रतिबंधों से छुटकारा पाना चाहता है। रईसी ने कहा कि हम उन वार्ताओं का समर्थन करते हैं जो हमारे राष्ट्रीय हितों की गारंटी देती हैं। अमेरिका को तुरंत सौदे के नियमों पर लौटना चाहिए और नियमों के तहत ही अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।"
दरअसल, अप्रैल से वियना में बातचीत चल रही है कि ईरान और अमेरिका दोनों परमाणु समझौते के अनुपालन में कैसे लौट सकते हैं। जिसे वाशिंगटन ने 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत ईरान पर प्रतिबंध लगाने से पहले छोड़ दिया था। ईरान ने यूरेनियम के समझौते की सीमा का उल्लंघन किया है। जिसे परमाणु हथियार बनाने की क्षमता विकसित करने के जोखिम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तेहरान लंबे समय से इस तरह की कोई महत्वाकांक्षा होने से इनकार करता रहा है। रायसी के मुताबिक ईरान की विदेश नीति परमाणु समझौते तक सीमित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी अमेरिकी प्रतिबंधों को तेहरान द्वारा हटाया और सत्यापित किया जाना चाहिए।
ईरानी और पश्चिमी अधिकारियों का समान रूप से कहना है कि, रईसी के आने से परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के ईरान के बातचीत के रुख को बदलने की संभावना नहीं है। ईरान के कट्टरपंथी नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का सभी प्रमुख नीति पर यही कहना है।