Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

तुर्किये और सीरिया को भूकंप से उबरने में ईयू का मिला साथ, एक अरब यूरो की मदद से होगा जरूरी पुनर्निर्माण

तुर्किये और सीरिया में तीन माह पहले आए भूकंप से उबरने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहायता मिल रहा है। भुकंप से उबरने के लिए यूरोपीय संघ दोनों देशों को मदद देने का एलान किया है। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 20 Mar 2023 08:40 PM (IST)
Hero Image
तुर्किये और सीरिया को भूकंप से उबरने में ईयू का मिला साथ।

ब्रुसेल्स, रायटर। तुर्किये और सीरिया में तीन माह पहले आए भूकंप से उबरने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहायता मिल रहा है। भुकंप से उबरने के लिए यूरोपीय संघ दोनों देशों को मदद देने का एलान किया है। यूरोपीय संघ एग्जीक्यूटिव ने घोषणा की है कि तुर्किये के पुनर्निर्माण के लिए संस्था एक अरब यूरो देगी, जबकि सीरिया में 108 मिलियन यूरो खर्च किए जाएंगे।

हजारों लोगों की हुई है मौत

यूरोपीय आयोग प्रमुख ने सोमवार को तुर्किये में भूकंप के बाद सहयोग हासिल करने के लिए आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत में यह जानकारी दी। उनहोंने कहा कि उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि विनाशकारी भूकंप के कारण तुर्किये और सीरिया दोनों देशों में करीब 50,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि इस आपदा के कारण लाखों लोग बेघर हो गए हैं। ऐसे में जरूरी है कि पुनर्निर्माण के प्रयास शुरू किए जाएं।

व्यवसायों के लिए फिर से पूंजी की जरूरत

उन्होंने कहा कि भूकंप प्रभावित इलाकों में घरों, स्कूलों और अस्पतालों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए। पानी, स्वच्छता और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की मरम्मत की जानी चाहिए। इसके अलावा सार्वजनिक सेवाओं और व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए पूंजी की जरूरत है, ताकि लोग आजीविका कमा सकें।

सीरिया में खर्च होंगे 108 मिलियन यूरो

उन्होंने कहा कि आयोग सीरिया में मानवीय सहायता और इसे जल्दी आर्थिक तरक्की के मार्ग पर लाने के लिए 108 मिलियन यूरो खर्च करेगा। हालांकि, यहां 2011 में शुरू हुए युद्ध के कारण यूरोपीय संघ के राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं। यहां गृहयुद्ध के कारण राहत कार्यों और प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने में भी काफी दिक्कते आई। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का अनुमान है कि भूकंप आपदा के चलते तुर्किये पर कुल लगभग 103.6 बिलियन डॉलर का वित्तीय बोझ पड़ा है।