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डोनाल्‍ड ट्रंप के जीतते ही सऊदी अरब में क्‍यों लगा 50 से ज्‍यादा मुस्लिम नेताओं का जमावड़ा; क्‍या है वजह और 33 सूत्रीय प्‍लान?

सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण अरब-इस्लामिक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में 50 से ज्यादा देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। हालांकि इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान शामिल नहीं हुए। उन्होंने बताया कि उनकी व्यस्तता की वजह से वो इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके। सम्मेलन में 33 सूत्रीय मसौदा भी पेश किया गया। इस मसौदे में फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जाहिर किया गया है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 12 Nov 2024 12:57 PM (IST)
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सऊदी अरब में अरब-इस्लामिक सम्मेलन आयोजित किया गया। (फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Israel  Hezbollah War।  डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद और खाड़ी क्षेत्र में जारी संघर्ष के बीच सोमवार को सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण अरब-इस्लामिक सम्मेलन आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन में 50 से ज्यादा देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। हालांकि, इस बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान शामिल नहीं हुए। उन्होंने बताया कि उनकी व्यस्तता की वजह से वो इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके।

सम्मेलन का मुख्य एजेंडा सभी देशों को इजरायल के खिलाफ एकजुट करना था। सऊदी अरब समेत कई देशों ने इजरायल के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की।

इजरायल पर सऊदी अरब का फूटा गुस्सा 

सम्मेलन में पहली बार सभी इस्लामिक देशों ने एक स्वर में लेबनान, गाजा, फिलिस्तीन में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई है। वहीं, सभी देशों ने इजरायल के हमलों को तुरंत रोकने की अपील भी की है।

सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ने दो टूक कहा कि सऊदी अरब इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों के जनसंहार की निंदा करता है। इजरायल को तुरंत अपनी कार्रवाई रोक देनी चाहिए। प्रिंस सलमान ने कहा कि फिलीस्तीन एक स्वतंत्र देश है और उसको इंडिपेंडेंट कंट्री का दर्जा मिलना चाहिए।

राष्ट्रपति एर्दोगन ने मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की

शिखर सम्मेलन ने तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि गाजा में हो रहे 'नरसंहार' पर जिस प्रकार से मुस्लिम देशों को एकजुट होकर इसकी आलोचना करनी चाहिए, वो नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश पूरी तरह से इजरायल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय मुस्लिम देश एकजुट नहीं है इसलिए, गाजा का यह हाल है।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सम्मेलन में यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Masjid) का भी मुद्दा उठाया गया। मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया कि इजरायल बार-बार अल अक्सा मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन कर रहा है।

सम्मेलन में 33 सूत्रीय मसौदा भी पेश किया गया। इस मसौदे में  फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जाहिर किया गया है। वहीं, लेबनान, ईरान, इराक और सीरिया के संप्रभुता की उल्लंघन की निंदा की गई है।

इसके अलावा, इजरायल गाजा संघर्ष खत्म करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र से फलस्तीन की समस्याओं का समाधान करने पर भी जोर दिया गया। 

वहीं, गाजा में युद्दविराम और वहां की लोगों की मदद करने के लिए सभी देशों से अपील की गई।

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