Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

इजरायल-हमास संघर्ष के बीच TIKTOK में वायरल हो रहा फर्जी वीडियो, ऐप पर भारत के प्रतिबंध को ठहराया सही

टिकटॉक पर इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें इजरायल के गाजा पर बम हमले के कारण रात में कई बिल्डिंग में आग लगने और परिणास्वरूप आकाश के लाल होने की तस्वीर थी। गाजा पर इजरायल के हमले की विभीषिका के सबूत के तौर पर टिकटॉक के साथ ही तमाम सोशल मीडिया पर इसे पूरी दुनिया में प्रसारित किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 01 Nov 2023 08:09 PM (IST)
Hero Image
इजरायल-हमास संघर्ष के बीच TIKTOK में वायरल हो रहा फर्जी वीडियो (Image: AP)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इजरायल-हमास के बीच प्रोपेगेंडा की संघर्ष में बड़े पैमाने पर फर्जी वीडियो के प्रसार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक की प्रासंगिकता पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। 'द टेलीग्राफ' अखबार ने अपने लेख में टिकटॉक पर प्रतिबंध नहीं लगाये जाने को बड़ी गलती माना है।

ध्यान देने की बात है कि भारत ने जनवरी 2021 में ही टिकटॉक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था। इजरायल-हमास लड़ाई ने भारत के फैसले को सही ठहराया है। दरअसल, टिकटॉक पर इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें इजरायल के गाजा पर बम हमले के कारण रात में कई बिल्डिंग में आग लगने और परिणास्वरूप आकाश के लाल होने की तस्वीर थी।

इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ा एक वीडियो वायरल

गाजा पर इजरायल के हमले की विभीषिका के सबूत के तौर पर टिकटॉक के साथ ही तमाम सोशल मीडिया पर इसे पूरी दुनिया में प्रसारित किया गया। जबकि सच्चाई में यह तस्वीर अलजीरिया की राजधानी अलजीयर्स में फुटबाल मैच के बाद समर्थकों के खुशी में की गई आतिशबाजी थी। सच्चाई पता चलने पर टिकटॉक ने इस वीडियो को हटा दिया, लेकिन तब तक इसे करोड़ों लोग देख चुके थे।

टिकटॉक पर वायरल हो रहे युद्ध के कई वीडियो 

यह वीडियो सिर्फ एक उदाहरण है, ऐसे हजारों फर्जी वीडियो दूसरे पक्ष की क्रूरता को दिखाने के लिए लड़ाई के बाद से ही टिकटॉक पर प्रसारित किये जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हमास की टिकटाक पर फर्जी वीडियो के सहारे प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहा है, इजरायल की ओर से यह किया जा रहा है।

'द टेलीग्राफ' के अनुसार हमास की ओर से टिकटॉक पर जारी वीडियो को 43 अरब बार और इजरायल की ओर जारी वीडियो को 37.5 अरब देखा गया है। मुस्लिम और यहूदियों के बीच नफरत फैलाने के टूल के रूप में इस्तेमाल हो रहे टिकटाक पर रोक लगाने का पश्चिमी देशों को कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है।

टिकटॉक के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग

वैसे भारत ने 2021 में टिकटॉक पर प्रतिबंध सुरक्षा की चिंताओं को लेकर किया था। अमेरिका समेत कई देशों में टिकटॉक के माध्यम से जासूसी और डाटा चोरी की आशंका पर प्रतिबंध को लेकर बहस भी चल रही है।

भारत के बाद अमेरिका के कई राज्यों समेत कई देशों ने सरकारी कर्मचारियों के लिए टिकटॉक के इस्तेमाल पर रोक भी लगा रखी है। लेकिन, दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने और संघर्ष के दौरान आग भड़काने के रूप में टिकटॉक के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग का मामला पहली बार सामने आया है। पश्चिमी देश भी अब भारत के फैसले को सही ठहराते हुए यह मानने लगे हैं कि टिकटाक पर प्रतिबंध नहीं लगाना उनकी बड़ी गलती थी।

यह भी पढ़े: Afghan Refugees: 'अफगान शरणार्थियों को जबरदस्ती ना निकालें', तालिबान ने पाकिस्तान से किया आग्रह

यह भी पढ़े: Israel Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध का 26वां दिन, नेतन्याहू ने विजयी जीत का लिया संकल्प; अब तक 8,525 फलिस्तीनी की मौत