FIFA World Cup 2022 से पहले कतर की राजधानी दोहा में हजारों श्रमिकों को घर से निकाला गया, सामने आई यह बड़ी वजह
कतर की राजधानी दोहा में एक इमारत में रहने वाले हजारों श्रमिकों को उनके घर से निकाल दिया गया। यह कदम नवंबर में होने वाले फीफा विश्वकप को देखते हुए उठाया गया। श्रमिकों को रात में आठ बजे इमारत को खाली करने का निर्देश दिया गया।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 29 Oct 2022 09:24 AM (IST)
दोहा, रायटर्स। कतर (Qatar) की राजधानी दोहा (Doha) में एक ही क्षेत्र में रहने वाले हजारों विदेशी श्रमिकों के अपार्टमेंट ब्लाक खाली करा लिए गए। यहां पर विश्वकप के दौरान फुटबाल प्रशंसकों के रुकने की व्यवस्था की जाएगी। यह बात अपार्टमेंट से निकाले गए श्रमिकों ने न्यूज एजेंसी रायटर्स को बतायी है।
12 से अधिक इमारतों को कराया गया खाली
श्रमिकों ने कहा कि 12 से अधिक इमारतों को अधिकारियों द्वारा खाली करा लिया गया है। इससे मुख्य रूप से एशियाई और अफ्रीकी श्रमिकों को फुटपाथ पर आश्रय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह कदम 20 नवंबर को होने वाले वैश्विक साकर टूर्नामेंट की शुरुआत से चार सप्ताह से भी कम समय पहले उठाया गया है।
इमारत को खाली करने के लिए दिया दो घंटे का समय
- दोहा के अल मंसौरा जिले के निवासियों ने बताया कि एक इमारत में 1,200 लोग रहते थे।
- बुधवार की रात करीब आठ बजे उन्हें अधिकारियों ने बताया कि इमारत को खाली करने के लिए उनके पास सिर्फ दो घंटे का समय है।
- उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी रात करीब साढ़े दस बजे लौटे और सभी को जबरन बाहर निकाला और इमारत के दरवाजे बंद कर दिए।
- कुछ लोग अपना सामान लेने के लिए समय पर नहीं लौट पाए थे।
- पांच लोग एक पिकअप ट्रक के पीछे एक गद्दा और एक छोटा फ्रिज लाद रहे थे।
- उन्होंने कहा कि उन्हें दोहा से लगभग 40 किमी (25 मील) उत्तर में सुमैसिमा में एक कमरा मिला है।
विश्वकप से संबंधित नहीं है निष्कासन
कतर सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि निष्कासन विश्व कप से संबंधित नहीं हैं। सभी को सुरक्षित और उपयुक्त आवास में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इमारत खाली करने का अनुरोध उचित नोटिस के साथ किया गया होगा। विश्व फुटबाल की शासी निकाय फीफा ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया और कतर के विश्व कप आयोजकों ने सरकार को पूछताछ का निर्देश दिया।
कतर में काम करते हैं 85 फीसदी विदेशी कामगार
कतर की 30 लाख आबादी में से करीब 85 फीसदी विदेशी कामगार हैं। उनमें से कई ड्राइवर, दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं या कंपनियों के साथ अनुबंध किए हुए हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि निष्कासन से केवल सिंगल रहने वाले पुरुष प्रभावित हुए हैं, जबकि परिवार के साथ रहने वाले विदेशी श्रमिकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
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