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Fossil Fuel Cop28: चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म ईंधन के खात्मे को ड्राफ्ट से हटाया गया, यूरोपीय संघ ने रखी ये प्रमुख मांग

जलवायु शिखर सम्मेलन (काप 28) में वार्ताकारों के बीच ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए विचार-विमर्श अंतिम चरण में है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से सोमवार को इस समझौते का नवीनतम मसौदा दस्तावेज प्रकाशित किया गया जिसमें संभावित जलवायु समझौते को लेकर कई विकल्प सुझाए गए हैं। चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म ईंधन को खत्म करने को अंतिम समय में ड्राफ्ट से हटा दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 11 Dec 2023 11:28 PM (IST)
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चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म ईंधन के खात्मे को ड्राफ्ट से हटाया गया (फाइल फोटो)

रॉयटर्स, दुबई। जलवायु शिखर सम्मेलन (काप 28) में वार्ताकारों के बीच ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए विचार-विमर्श अंतिम चरण में है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से सोमवार को इस समझौते का नवीनतम मसौदा दस्तावेज प्रकाशित किया गया, जिसमें संभावित जलवायु समझौते को लेकर कई विकल्प सुझाए गए हैं।

चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म ईंधन को खत्म करने को अंतिम समय में ड्राफ्ट से हटा दिया गया है। यह यूरोपीय संघ और कई विकासशील देशों की प्रमुख मांग थी। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का मंगलवार को समापन होने जा रहा है। सोमवार को जारी मसौदे में कहा गया है कि समूह मानते हैं कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में तीव्र और निरंतर कटौती की आवश्यकता है।

2050 तक शून्य उत्सर्जन को हासिल करना लक्ष्य

इसके अलावा 2030 तक वैश्विक स्तर पर नवीकरणी ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता सुधार की वैश्विक औसत वार्षिक दर को दोगुना करना शामिल हैं। लक्ष्य है- 2050 तक या इससे पहले शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना।

चुनौती का सामना करने का समय- गुटेरस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस सोमवार को शिखर सम्मेलन में लौटे और कहा कि यह "अच्छे इरादे से बातचीत करने और चुनौती का सामना करने का समय है।" उन्होंने कहा कि काप 28 शिखर सम्मेलन में वार्ताकारों को विशेष रूप से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और जलवायु न्याय पर ध्यान देना चाहिए।

ईंधन के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से खत्म करें देश

उन्होंने कहा कि काप 28 के लिए सफलता का बेंचमार्क यह होगा कि क्या इससे कोई परिणाम मिलता है। कोयला, तेल और गैस के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए तेजी से समझौता करें, ताकि इसे टाला जा सके। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी देशों को चरणबद्ध तरीके से जीवाश्म का उपयोग बंद कर देना चाहिए।

समाधान के लिए दुनिया को भारत से उम्मीद

राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्काटलैंड ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान के लिए दुनिया भारत के नेतृत्व और बौद्धिक शक्ति से उम्मीद लगाए बैठी है। कहा, वह खुशी से यह देखने के लिए इंतजार कर रही हैं कि भारत क्या निर्णय लेगा। वार्षिक जलवायु सम्मेलन से इतर प्रेट्र एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में राष्ट्रमंडल की महासचिव ने उक्त बातें कहीं।

जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की बढ़ती मांग के बीच भारत से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर पेट्रीसिया ने कहा कि भारत 1.40 अरब लोगों का पेट पालता और उनकी देखभाल करता है, जो राष्ट्रमंडल के 56 देशों के समूह की आबादी का करीब आधा है।

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