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Israel-Palestine conflict: 13 साल और चार युद्धों से भी नहीं सीखा फलस्तीन, इजरायल पर बार-बार दाग रहा रॉकेट

चरमपंथी संगठन हमास ने शनिवार तड़के इजरायल पर तकरीबन 5000 रॉकेट दागे। हमास के इस अभूतपूर्व हमले की वजह से युद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो गए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश की जनता को स्पष्ट किया कि हम युद्ध में हैं और हमास को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 07 Oct 2023 09:07 PM (IST)
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हमास ने इजरायल पर दागे रॉकेट (जागरण ग्राफिक्स)
एपी/रायटर, यरूशलम। चरमपंथी संगठन हमास ने शनिवार तड़के इजरायल पर तकरीबन 5,000 रॉकेट दागे। हमास के इस अभूतपूर्व हमले की वजह से युद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो गए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश की जनता को स्पष्ट किया कि हम युद्ध में हैं और हमास को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।

इजरायली इलाकों में हमास के चरमपंथियों और सेना के बीच मुठभेड़ जारी है। अबतक 44 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। वहीं, दक्षिणी इजरायली शहर बिर्शेबा में स्थित एक चिकित्सा केंद्र ने बताया कि वह कम से कम 280 घायलों का इलाज कर रहा है, जिनमें से 60 की स्थिति गंभीर है।

डरावना मंजर

युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं। युद्ध की वजह से मानवता को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है और ऐसा ही नजारा इजरायल और गाजा पट्टी में दिखाई दे रहा है। खून से सने हुए दृश्य, चीख-पुकार सहित कई पीड़ादायक तस्वीरें सामने आ रही हैं। यह कोई पहली दफा नहीं है जब इजरायल पर गाजा पट्टी से हमले हो रहे हों। इससे पहले 2021 में भी एक के बाद एक कई हमले हुए थे।

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युद्ध की वजह से कई फलस्तीनी और यहूदी लोग डर के साये में जी रहे हैं। हमास और इजरायल के बीच यह स्थिति कोई पहली दफा नहीं बनी, बल्कि 2008-09, 2012, 2014 और 2021 में भी युद्ध जैसे हालात पनपे। इन तमाम युद्धों की वजह से दोनों देशों में कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं।

गाजा पट्टी में फलस्तीनियों का शोक मनाया गया, मलबे के बीच लोग जीवनयापन के लिए मजबूर हुए। साथ ही डर के साये में जीते रहे कि कभी भी उनके साथ कोई घटना घटित हो सकती है। कब कहां से रॉकेट आ जाए और अपनी जद में ले ले, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, बीते चार युद्धों में गाजा पट्टी के बुनियादी ढांचे को 5 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था।

आक्रोशित जनता

साल 2021 में सामने आए एक सर्वे के मुताबिक, बारीकी से देखने में पता चलता है कि गाजा पट्टी की युवा आबादी बेरोजगारी का सामना कर रही है और उनके समक्ष नौकरी मिलने की संभावनाएं भी बेहद कम हैं। साथ ही निवासी यहां रहना नहीं चाहते हैं, जबकि विशेषज्ञों का मानना था कि युद्ध की वजह से फलस्तीनियों का संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है।

2008 का युद्ध

फलस्तीन ने साल 2008 में दक्षिणी इजरायली शहर सेडरोट को निशाना बनाते हुए युद्ध की शुरुआत की थी। फलस्तीन के रॉकेट दागे जाने के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में 22 दिनों तक चलने वाला एक सैन्य अभियान शुरू किया था। हालांकि, बाद में युद्धविराम पर सहमति बन गई थी, लेकिन तकरीबन 1,400 फलस्तीनियों और 13 इजरायलियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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2021 में हुए युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र ने एक डेटा जारी किया था। जिसके मुताबिक, युद्धों में 4,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे, जबकि इजरायली अधिकारियों का कहना था कि संघर्ष में महज 106 लोगों की मौत हुई है।

भुगतान

इजरायल टैक्स अथॉरिटी ने 2009, 2012 और 2014 में हुए संघर्ष के बाद मरम्मत कार्यों के लिए नागरिकों को 96 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था। हालांकि, 2008 से 2021 के बीच हुए सभी चारों युद्धों की बात की जाए तो 13 सालों में 5 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।