Israel-Hamas War: 'हम पर बमबारी क्यों, हमारे पास कुछ नहीं बचा है', नरक की जिंदगी बिता रहे नागरिकों की दर्दनाक दास्तां
गाजा में रहने वाली 24 लाख की आबादी में ज्यादातक लोग शरणार्थियों के वंशज हैं। इजरायली अधिकारियों के मुताबिक 7 अक्टूबर का हमला राज्य की स्थापना के बाद से इजरायली धरती पर सबसे घातक हमला था जिसमें अधिकांश पीड़ितों को पहले ही दिन गोली मार दी गई। लोगों ने कहा कि हमने एक रात नरक की तरह बिताई है। आसमान लाल था सब कुछ नष्ट हो गया था।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 22 Oct 2023 01:51 PM (IST)
एएफपी, गाजा। लगभग 15 दिन बाद भी इजरायल और हमास आतंकियों के बीच युद्ध जारी है। अब इस युद्ध का खामियाजा गाजा पट्टी में रहने वाले आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, वहां पर फंसे लोग अब अपनी पीड़ा का जिक्र कर रहे हैं।
मिसाइल अटैक में कई इमारतें ढेर
उमर अशूर, जो 75 साल पहले इजरायल के निर्माण के बाद फलस्तीनियों द्वारा अनुभव की गई नकबा के दौरान शरणार्थी बन गए थे और अब उन्हें डर है कि गाजा पर चल रही बमबारी उन्हें फिर से निर्वासन के लिए मजबूर कर देगी। फलस्तीनी प्राधिकरण सुरक्षा बलों से सेवानिवृत्त हुए जनरल अशूर मध्य गाजा के अल-जहरा में रहते हैं, जहां गुरुवार देर रात इजरायली मिसाइलों ने 20 से अधिक इमारतों के क्षेत्र को नष्ट कर दिया।
चारों तरफ तबाही का मंजर
हालांकि, निवासियों को हमले से पहले भागने की चेतावनी दे दी गई थी, लेकिन उनमें से कई लोग सड़क पर दौड़ पड़े, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि आखिर उन्हें जाना कहां है। समाचार एजेंसी एएफपी के एक पत्रकार ने कहा कि जब वे शुक्रवार की सुबह वापस लौटे, तो उन्हें तबाही का मंजर दिखाई दिया, बड़ी-बड़ी इमारतें खंडहर और मलबे में तब्दील हो गए थे।एक नए नकबा का होगा जन्म
इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों से जमीनी अभियान से पहले दक्षिण की ओर जाने का आग्रह किया, लेकिन अशूर ने वहीं रुकने का फैसला किया। जारी बमबारी के बीच उन्हें भविष्य की भी चिंता है। उन्हें डर है कि युद्ध गाजा के निवासियों को फिर से भागने के लिए मजबूर कर देगा।अशूर ने 1948 के युद्ध के दौरान अपने घरों से भागे 76 हजार फलस्तीनियों का जिक्र करते हुए एएफपी को बताया, "जो हो रहा है वह खतरनाक है। मुझे डर है कि चल रहे विनाश एक नए नकबा को जन्म देगी, जो इजरायल के निर्माण के साथ हुआ था।"