COP28: ग्लोबल स्टॉकटेक को विकसित देशों की विफलताओं का देना चाहिए हिसाब, भारत की सदस्यता वाले बेसिक समूह ने की मांग
भारत की सदस्यता वाले बेसिक समूह ने यहां वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-28 के दौरान जोर देकर कहा कि ग्लोबल स्टॉकटेक को विकसित देशों की विफलताओं का भी हिसाब देना चाहिए। बेसिक चार बड़े नव औद्योगीकृत देशों ब्राजील दक्षिण अफ्रीका भारत और चीन का एक समूह है जिसका गठन 2009 में एक समझौते के तहत हुआ था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बेसिक समूह की मांगों की पुष्टि की।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 12:20 AM (IST)
पीटीआई, दुबई। भारत की सदस्यता वाले 'बेसिक' समूह ने यहां वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप-28 के दौरान जोर देकर कहा कि 'ग्लोबल स्टॉकटेक' को विकसित देशों की विफलताओं का भी हिसाब देना चाहिए। ग्लोबल स्टॉकटेक (जीएसटी) पेरिस समझौते का एक मूलभूत घटक है। इसका उपयोग समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी और सहमति प्राप्त लक्ष्यों को प्राप्त करने में हुई सामूहिक प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।
2009 में हुआ था 'बेसिक' समूह का गठन
'बेसिक' चार बड़े नव औद्योगीकृत देशों ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन का एक समूह है, जिसका गठन 2009 में एक समझौते के तहत हुआ था। दुबई में जारी जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान प्रारंभिक वार्ता में उपस्थित रहे कई प्रतिनिधियों ने बताया कि 'बेसिक' समूह ने विकसित दुनिया के खंडित बहुपक्षवाद की निंदा की।यह भी पढ़ेंः COP28: स्वच्छ ईंधन 3 गुना करने पर 117 देश सहमत, इस दशक में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाना है लक्ष्य
पैसिफिक आइलैंड के एक प्रतिनिधि ने बताया, समूह ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी को उपलब्धियों व विफलताओं का हिसाब देना चाहिए, जिनमें विकसित देशों की ओर से हासिल उपलब्धियां और विफलताएं शामिल हैं। केन्या के एक अन्य प्रतिनिधि ने भी 'बेसिक' देशों की मांग की पुष्टि की और कहा कि समूह ने एकपक्षवाद और व्यापार संरक्षणवाद की भी निंदा की।