हज की अंतिम रस्म- मक्का में शैतान को पत्थर मारते हैं जायरीन, जानिए क्या है इसकी मान्यता (Photos)
सऊदी अरब में रविवार को लाखों की संख्या में जायरीन शैतानों को पत्थर मारने की रस्म पूरी करने जमा हुए। दुनिया भर से इस वर्ष 18 लाख से अधिक जायरीन सऊदी अरब पहुंचे हैं । इस बीच जार्डन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 14 जार्डनवासियों की मौत हो गई। कुछ हीट स्ट्रोक के कारण मारे गए। 17 अन्य लापता हैं।
मीना, एपी। सऊदी अरब में रविवार को लाखों की संख्या में जायरीन शैतानों को पत्थर मारने की रस्म पूरी करने जमा हुए।
- यह हज यात्रा के अंतिम दिन और दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ईद-अल-अजहा की शुरुआत का प्रतीक है। पत्थर मारना हज के अंतिम रस्मों में से एक है।
- जायरीन शनिवार शाम को माउंट अराफात से पास ही स्थित मुजदलिफा पर अपनी रात बिताने के लिए रवाना हुए थे। उन्होंने कंकड़ एकत्र किए जिनका उपयोग शैतान का प्रतिनिधित्व करने वाले स्तंभों को पत्थर मारने में किया जाएगा।
- जायरीन अगले तीन दिन मीना में बिताएंगे। यहां बुराई और पाप को दूर करने के प्रतीक के रूप में प्रत्येक तीन स्तंभों पर सात-सात पत्थर मारेंगे।
- दुनिया भर से इस वर्ष 18 लाख से अधिक जायरीन सऊदी अरब पहुंचे हैं। इस बीच, जार्डन के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान 14 जार्डनवासियों की मौत हो गई। कुछ हीट स्ट्रोक के कारण मारे गए। 17 अन्य लापता बताए जा रहे हैं।
- सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बढ़ते तापमान की चेतावनी देते हुए हज यात्रियों को हाइड्रेटेड रहने और दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।