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डायरेक्ट मिसाइल से हमला और मारा गया हमास प्रमुख हानिया, आग बबूला ईरान और इजरायल के साथ खड़ा अमेरिका; क्या होगा अंजाम?

Ismail Haniyeh Assasination हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या ने एक बार फिर मध्य पूर्व में अशांति पैदा कर दी है। हमास के उप प्रमुख का दावा है कि बुधवार सुबह जब हानिया अपने कमरे में सो रहा था तब एक मिसाइल से सीधे उस पर हमला हुआ। ईरान ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए हत्या के बदले की कसम खाई है। इधर अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 31 Jul 2024 11:35 PM (IST)
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हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी ने नहीं ली है। (File Image)

रॉयटर्स, तेहरान। गाजा पट्टी में प्रभावशाली हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हानिया की बुधवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई। 62 वर्षीय हानिया राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए ईरान आए थे, उसी दौरान जब वह अपने ठहरने के स्थान पर विश्राम कर रहे थे-तभी मिसाइल हमले में उनकी हत्या कर दी गई। हमले में एक अंगरक्षक भी मारा गया है।

रॉयटर्स की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हमास के उप प्रमुख खलील अल-हय्या ने ईरान में हानिया के साथ रहे गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि जिस मिसाइल ने हमास नेता इस्माइल हानिया को मारा, उसने उन पर सीधा हमला किया। अल-हया ने तेहरान में बताया कि मिसाइल हमले के परिणामस्वरूप कमरे की खिड़कियां, दरवाजे और दीवारें नष्ट हो गईं।

अब तक किसी ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी फिलहाल किसी ने नहीं ली है, लेकिन शक इजरायल पर है। इजरायल ने हानिया की मौत पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है लेकिन इजरायल के विरासती मामलों के मंत्री अमिचय एलियाहू ने हत्या पर खुशी जाहिर की है। हमास प्रमुख की हत्या से पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है, साथ ही गाजा में युद्धविराम के प्रयासों को झटका लगने के आसार हैं।

चीन, रूस, तुर्किये, इराक और कतर ने हानिया की हत्या की निंदा की है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा है कि हमला ईरान में हुआ है, इसलिए जवाब देने की जिम्मेदारी भी ईरान की है। हानिया की हत्या के लिए जो जिम्मेदार है, उसे कड़ा दंड दिया जाएगा। हानिया ने हत्या से कुछ घंटे पहले मंगलवार को तेहरान में खामेनेई से मुलाकात की थी।

ईरान ने घोषित किया तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

हानिया की मौत पर ईरान ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। ईरान के तेवर देखते हुए इजरायल ने भी बचाव और जवाब देने की तैयारी कर ली है। रक्षा मंत्री योएव गैलेंट ने कहा है कि इजरायल तनाव बढ़ाने वाला कोई कार्य नहीं कर रहा है, लेकिन वह हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इधर, अमेरिका ने हानिया की मारे जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन कहा है कि इजरायल पर हमला होने की स्थिति में वह उसके साथ खड़ा होगा।

अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने कहा है कि हानिया की मौत से पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ गया है, लेकिन नया युद्ध अवश्यंभावी नहीं है। पिछले कई वर्षों से हानिया ने कतर में अपना ठिकाना बना रखा था और वहीं से कूटनीतिक गतिविधियां संचालित करते थे, इसलिए वहीं पर उनके शव के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया है। सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले की उन्हें पहले से जानकारी थी। हमले के बाद उनका खुशी मनाते और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए का वीडियो सामने आया था।

हानिया के परिवारजनों की भी हुई थी हत्या

करीब दस महीने से जारी गाजा युद्ध के दौरान बीते अप्रैल में इजरायल के हवाई हमले में हानिया के तीन पुत्र, तीन पौत्र और एक पौत्री मारे गए थे। इस पर विचलित न होते हुए हानिया ने स्वतंत्र फिलस्तीन की लड़ाई जारी रखने का एलान किया था। फलस्तीनी प्राधिकार के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हानिया की हत्या की निंदा की है। शोक में वेस्ट बैंक के फलस्तीनियों ने बुधवार को सभी तरह की गतिविधियां बंद रखीं।

इजरायल के सौ से ज्यादा बंधकों की जिदगी को खतरा

हानिया के मारे जाने से गाजा में युद्धविराम के लिए चल रहे प्रयासों के बाधित होने का अंदेशा है। कतर, मिस्त्र और अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही वार्ता में हानिया के निर्देशन में ही हमास नेता बातचीत कर रहे थे। कतर और मिस्त्र ने युद्धविराम की कोशिशों को झटका लगने और उसमें गतिरोध पैदा होने की बात कही है। हानिया की मौत की प्रतिक्रिया गाजा में बंधक बने 100 से ज्यादा इजरायली नागरिकों को झेलनी पड़ सकती है। जानकारों के अनुसार अब इन बंधकों के जीवन को खतरा पैदा हो गया है। हमास की सैन्य शाखा ने कहा है कि अब इजरायल के साथ लड़ाई को नए स्तर पर ले जाया जाएगा।

जनवरी में हमास के दूसरे बड़े नेता अरूरी की हत्या हुई

2017 में हमास के पोलित ब्यूरो का प्रमुख बनने के बाद से ज्यादातर समय हानिया ने तुर्किये और कतर में व्यतीत किया था। वहीं से वह फलस्तीन को लेकर गतिविधियां चलाते थे और समर्थक देशों की यात्राएं करते थे। जनवरी में हमास के दूसरे नंबर के नेता सालेह अल-अरूरी की लेबनान में इसी तरह से हवाई हमले में हत्या हुई थी। अरूरी की हत्या की जिम्मेदारी इजरायल ने नहीं ली थी, लेकिन शक उसी पर किया गया था।