दो महीने तक मौत ने किया इंतजार, कमरे में घुसते हुआ धमाका, हमास चीफ की मौत की इनसाइड स्टोरी
बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान में स्थित एक गेस्ट हाउस धमाके की आवाज से दहल उठा है। इस धमाके में हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो चुकी है। ईरान और हमास ने हत्याकांड के पीछे इजरायल का हाथ बताया है। हालांकि इजरायल ने सार्वजनिक रूप से कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। मगर इस्माइल कैसे मारा गया है? इसकी पूरी कहानी सामने आ गई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की मौत पर अब बड़ा खुलासा हुआ है। कतर की राजधानी दोहा से बाहर निकालना इस्माइल हानिया को भारी पड़ गया। दरअसल, कतर सरकार गाजा में संघर्ष विराम को लेकर इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रही है।
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यही वजह है कि इजरायल ने इस्माइल हानिया को कतर से बाहर मौत के घाट उतारने की साजिश रची। जैसे ही उसके ईरान आने की सूचना मिली वैसे ही उसको मारने का प्लान तैयार किया जाने लगा था। बता दें कि इस्माइल हानिया दोहा में अपने अन्य नेताओं के साथ रहता था।
दो महीने तक मौत ने किया इंतजार
मौत ने दो महीने तक हमास प्रमुख इस्माइल हानिया का इंतजार किया। दरअसल, वह जिस गेस्ट हाउस में रुका था, वहां दो महीने पहले ही बम लगा दिया गया था। विस्फोटक को गुप्त रूप से तस्करी कर लाया गया था। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी और अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।
रिमोट से उड़ाया बम
ईरानी की राजधानी तेहरान के नेशात नामक परिसर में यह गेस्ट हाउस है। इसका संचालन और संरक्षण इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स करता है। इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचा था। जैसे ही वह गेस्ट हाउस के अपने कमरे में पहुंचा वैसे ही रिमोट से बम को उड़ा दिया गया। धमाके में एक सुरक्षाकर्मी की भी जान गई।
मिसाइल से नहीं किया हमला
बम धमाका जोरदार था। धमाके से पूरी इमारत हिल गई थी। कई खिड़कियां भी टूट गईं। ईरान और हमास ने इजरायल को हत्या का जिम्मेदार बताया है। पहले आशंका जताई जा रही थी कि इजरायल ने मिसाइल से हमला किया। मगर अब साफ हो गया है कि गेस्ट हाउस में बम धमाका किया गया है।
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