नसरल्लाह की मौत की पूरी कहानी: मंत्रियों ने किया विरोध, अमेरिका से छिपाया प्लान; इजरायल ने ऐसे सीक्रेट मिशन को दिया अंजाम
इजरायल ने अपने सबसे बड़े दुश्मन हसन नसरल्लाह को 80 टन बारूद से मौत की नींद सुला दी। इजरायल को नसरल्लाह की तलाश साल 1992 से थी। 1992 में ही नसरल्लाह हिजबुल्लाह का प्रमुख बना था। साल 2006 में इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के बाद से नसरल्लाह को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं देखा गया था। वह सिर्फ टीवी पर भाषण देता था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल ने शुक्रवार को अपने सबसे बड़े दुश्मन हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया। मगर नसरल्लाह को मारना इतना आसान नहीं था। इसकी प्रमुख वजह यह थी कि साल 2006 के बाद से नसरल्लाह को कभी देखा नहीं गया था। हत्या के एक दिन बाद इजरायल के तीन सैन्य अधिकारियों ने नसरल्लाह को मारने का प्लान दुनिया के सामने रखा। अमेरिका तक को इस प्लान की भनक नहीं लगने दी गई थी।
कई महीने पहले ठिकानों का लगा पता
नसरल्लाह को मारने का प्लान इजरायल ने कुछ दिन पहले ही बनाया था। मगर उसके ठिकानों की जासूसी काफी समय से की जा रही थी। इजरायल के तीन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि हसन नसरल्लाह के ठिकाने की जानकारी इजरायल के हाथ कई महीने पहले ही लग गई थी।
इजरायल ने अमेरिका तक को नहीं बताया प्लान
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक इजरायल ने नसरल्लाह को मारने का प्लान अमेरिका तक को नहीं बताया। इजरायल को इस बात की आशंका थी कि अगर अमेरिका को प्लान के बारे में जानकारी दी तो शायद यह सूचना लीक न हो जाए और इससे पूरे प्लान पर पानी फिर जाएगा। उधर, गुरुवार यानी 26 सितंबर को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए न्ययॉर्क रवाना हुए। इसी दौरान उन्होंने नसरल्लाह को मारने का आदेश दिया।यह भी पढ़ें: हिजबुल्लाह की पूरी टॉप लीडरशिप साफ, पढ़ें- कब और कैसे इजरायल ने सभी को मारा? अब सिर्फ एक की तलाश
80 से अधिक बमों से किया हमला
इजरायली अधिकारियों ने बताया कि करीब 80 से अधिक बमों से बेरूत के दहियाह में स्थित हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला किया गया है। इस हमले में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और दक्षिणी फ्रंट कमांडर अली कराकी भी मारा गया है। इजरायली वायुसेना ने ऑपरेशन में बंकरों को तबाह करने वाले बमों का इस्तेमाल किया।हेटजेरिम एयरबेस से विमानों ने भरी थी उड़ान
इजरायली वायुसेना के 69वें स्क्वाड्रन ने पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया। खुफिया जानकारी के आधार पर इजरायल ने हमला किया। इस दौरान ऑपरेशन में कोई गलती जवानों ने नहीं की। विमानों ने इजरायल के हेटजेरिम एयरबेस से उड़ान भरी थी। कुछ ही मिनटों में बेरूत में भीषण बमबारी से तबाही मचा दी।हेटजेरिम एयरबेस के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमीचाई लेविन ने कहा कि इस कठिन मिशन की योजना बहुत पहले से बनाई गई थी। हमले के दौरान विमानों पर हिजबुल्लाह ने कोई मिसाइल नहीं दागी। इससे ऑपरेशन को आसानी से अंजाम देने में मदद मिली।