'रफाह में तत्काल सैन्य कार्रवाई रोके इजरायल', अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेश के विरोध में इन दो देशों ने जंग का किया समर्थन
Israel Attack Rafah संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में कार्य करने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) ने इजरायल को रफाह में सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश दक्षिण अफ्रीका की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है। याचिका में गाजा में इजरायल की नरसंहार की कार्रवाई को रोके जाने की मांग की गई है।
रॉयटर्स, हेग। संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में कार्य करने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने इजरायल को रफाह में सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह अंतरिम आदेश दक्षिण अफ्रीका की याचिका की सुनवाई के दौरान दिया है। याचिका में गाजा में इजरायल की नरसंहार की कार्रवाई को रोके जाने की मांग की गई है।
विदित हो कि मिस्त्र सीमा पर बसे रफाह में अभी भी लाखों शरणार्थी हैं और अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद वहां पर इजरायली हमले बढ़ते जा रहे हैं। गाजा में सात अक्टूबर, 2023 से जारी सैन्य कार्रवाई में अभी तक 35,800 से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और करीब 10 हजार लापता हैं।
आदेश इजरायल के लिए बाध्यकारी नहीं
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का यह आदेश इजरायल के लिए बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इस आदेश को न मानने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल की स्थिति और कमजोर होने के आसार हैं। रफाह पर सैन्य कार्रवाई को लेकर इजरायल का सबसे बड़ा सहयोगी अमेरिका भी असहमत है।गाजा की स्थिति दिनों-दिन खराब हो रही- नवाफ सलाम
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के प्रमुख नवाफ सलाम ने कहा कि गाजा की स्थिति दिनों-दिन खराब हो रही है। इजरायल ने वहां के बारे में मांगी गई सूचनाओं की पर्याप्त जानकारी न्यायालय को उपलब्ध नहीं कराई है। रफाह पर हमले रोकने का आदेश उसी के मद्देनजर है। न्यायालय का यह आदेश 15 सदस्यीय पीठ ने 13 सदस्यों के समर्थन और दो सदस्यों के विरोध के आधार पर दिया है।
आदेश के विरोध में यूगांडा और इजरायल के सदस्य
इस आदेश के विरोध में यूगांडा और इजरायल के सदस्य थे। विदित हो कि इजरायल ने रफाह में इसी महीने सैन्य कार्रवाई तेज की है। इजरायल इस मामले की शुरुआत से ही याचिका में लगाए आरोपों को गलत बताते हुए विरोध जताता रहा है।किसी भी आदेश को इजरायल नहीं मानेगा- नेतन्याहू
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि सैन्य कार्रवाई को रोकने के किसी भी आदेश या सलाह को इजरायल नहीं मानेगा। ताजा आदेश के बाद न्यायालय में मौजूद इजरायल और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की, जबकि न्यायालय के बाहर मौजूद फलस्तीन समर्थकों ने खुशी जाहिर की है।
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