भारत के पास केम प्लूटो टैंकर को निशाना बनाने से ईरान का इनकार, अमेरिका के दावे को बताया बेबुनियाद
ईरान ( Iranian drone attack ) ने अमेरिका के उस दावे को खारिज कर दिया है कि भारत आ रहे केमिकल टैंकर को अरब सागर में ईरान से निशाना बनाया गया। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेर कनानी ने कहा ईरान पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं । अमेरिका को इस तरह के आरोप लगाने के बजाय गाजा में इजरायल के हमले में अपनी भूमिका को स्वीकार करना चाहिए।
रॉयटर्स, दुबई। इजरायल-हमास युद्ध का असर दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है। लाल सागर से गुजर रहे मालवाहक जहाजों को हाउती विद्रोही निशाना बना रहे हैं। इस बीच, ईरान ने अमेरिका के उस दावे को खारिज कर दिया है कि भारत आ रहे केमिकल टैंकर को अरब सागर में ईरान से निशाना बनाया गया।
पेंटागन ने कहा था कि भारतीय समुद्र तट से कुछ दूर लाइबेरिया का झंडा लगे एमवी केम प्लूटो टैंकर को निशाना बनाया गया था। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेर कनानी ने कहा, ईरान पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। अमेरिका को इस तरह के आरोप लगाने के बजाय गाजा में इजरायल के हमले में अपनी भूमिका को स्वीकार करना चाहिए।
भारत आ रहे जहाज को बनाया गया निशाना
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका रक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा था कि ईरानी ड्रोन हमले में अरब सागर के जरिये भारत आ रहे जहाज को निशाना बनाया गया। उन्होंने आगे कहा कि 2021 से मालवाहक जहाजों पर ईरान का यह सातवां हमला है।
जापानी स्वामित्व वाला जहाज केम प्लूटो, एक लाइबेरिया-ध्वजांकित और नीदरलैंड द्वारा संचालित रासायनिक टैंकर था। गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में वेरावल से 200 समुद्री मील (लगभग 370 किमी) दूर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में इस जहाज में ड्रोन के हमले से आग लग गई थी, जिस पर जल्द ही काबू पा लिया गया था। यह सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मंगलुरु की ओर आ रहा था। चालक दल के 22 सदस्यों में से 21 भारतीय थे। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।
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