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Iran Elections: ईरान में मतदान कराना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं, 29 फरवरी को 290 सीटों के लिए संसदीय चुनाव

ईरान में संसदीय चुनाव शुक्रवार को होने हैं। हालांकि इस चुनाव में सरकार के सामने बड़ी चुनौती वोट के लिए लोगों को मतदान केंद्र तक लाना है। ऐसा माना जा रहा है कि मतदान का प्रतिशत कम रह सकता है क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जो मतदान के बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं। अधिकारियों ने लोगों से मतदान करने का आग्रह किया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 28 Feb 2024 04:43 PM (IST)
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ईरान में सरकार के सामने बड़ी चुनौती वोट के लिए लोगों को मतदान केंद्रों तक लाना है।

एपी, दुबई। ईरान में संसदीय चुनाव शुक्रवार को होने हैं। हालांकि इस चुनाव में सरकार के सामने बड़ी चुनौती वोट के लिए लोगों को मतदान केंद्र तक लाना है। ऐसा माना जा रहा है कि मतदान का प्रतिशत कम रह सकता है, क्योंकि कई लोग ऐसे हैं जो मतदान के बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं। इसके पीछे खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पर व्यापक असंतोष, वर्षों से चल रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिम के साथ तनाव आदि कारण हैं।

अधिकारियों ने लोगों से मतदान करने का आग्रह किया है। इस्लामिक कंसल्टेटिव असेंबली में 290 सदस्य हैं। संसद कार्यकारी शाखा पर निगरानी रखती है, संधियों पर मतदान करती है और अन्य मुद्दों को संभालती है। हालांकि, व्यवहारिक रूप से ईरान में पूर्ण शक्ति उसके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के पास है। कट्टरपंथियों ने पिछले दो दशकों से संसद को नियंत्रित कर रखा है। हाल के हफ्तों में मतदान के बहिष्कार को लेकर मांग तेज हो गई है।