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ईरान ने जासूसी में पूर्व उप रक्षा मंत्री को फांसी पर लटकाया, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने था आरोप

देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच तेहरान के इस कदम से पश्चिम के साथ तनाव बढ़ सकता है। इधर ब्रिटेन ने आलोचना की और ईरानी-ब्रिटिश नागरिक को फांसी पर लटकाए जाने के कदम को बर्बर कृत्य करार दिया है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 14 Jan 2023 08:58 PM (IST)
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ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने का लगाया था आरोप

दुबई, एपी। ईरान में ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोप में पूर्व उप रक्षा मंत्री अली रजा अकबरी को शनिवार को फांसी पर लटका दिया गया। दोहरी नागरिकता रखने वाले ईरानी-ब्रिटिश नागरिक को अंतरराष्ट्रीय चेतावनी के बावजूद फांसी दी गई। यह माना जा रहा है कि देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच तेहरान के इस कदम से पश्चिम के साथ तनाव बढ़ सकता है। इधर, ब्रिटेन ने आलोचना की और ईरानी-ब्रिटिश नागरिक को फांसी पर लटकाए जाने के कदम को बर्बर कृत्य करार दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि इस कायरतापूर्ण कृत्य को उस बर्बर शासन की ओर से अंजाम दिया गया है, जो अपने लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करता है।

अकबरी ने कहा दी जा रही हैं यातनाएं 

ईरानी न्यायपालिका से जुड़ी मीजान समाचार एजेंसी ने अली रजा अकबरी को फांसी दिए जाने की घोषणा की। फांसी कब दी गई, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। ब्रिटेन की एमआइ-6 खुफिया एजेंसी का जासूस होने के साक्ष्य पेश किए बिना ईरान ने अकबरी पर जासूसी का आरोप लगाया था। ईरानी न्यायपालिका ने एक बयान में दावा किया था कि अकबरी ने खुफिया जानकारी मुहैया कराने के बदले में मोटी रकम, ब्रिटिश नागरिकता और अन्य मदद प्राप्त की थी। अकबरी एक समय एक निजी थिंक टैंक का संचालन करते थे। यह माना जाता है कि उनको 2019 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मामला हाल के सप्ताहों में सामने आया था।

वर्ष 2000 से 2008 तक देश के उप रक्षा मंत्री रहे अकबरी का एक वीडियो संदेश बीबीसी फारसी ने गत बुधवार को जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं। बंदूक के बल पर और जान से मारने की धमकी देकर झूठे दावों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

कई प्रदर्शनकारियों को दी फांसी

ईरान में गत सितंबर में हिजाब नहीं पहनने पर पकड़ी गई कुर्दिश महिला महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद देश भर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन थमा नहीं है। सरकार प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सख्त दंड देने का रास्ता अपना रही है। अब तक कई प्रदर्शनकारियों को फांसी पर लटकाया जा चुका है। ईरान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, प्रदर्शनों के दौरान 517 लोग मारे जा चुके हैं और करीब 20 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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