Iran Hijab Row: ईरान में फिर लौटा सख्त हिजाब नियम, सड़कों पर 'नैतिकता पुलिस' रख रही कड़ी नजर
Iran Hijab Row ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस हिंसक प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रव्यापी गिरफ्तारियां भी हुई। बता दें महसा अमीनी वहीं लड़की है जिसे नैतिक पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। महसा अमीनी पर सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने का आरोप था। इस हिरासत के बाद अमीनी कभी वापस नहीं लौटीं। उसकी पुलिस प्रताड़ना से मौत हो गई थी।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 17 Jul 2023 08:39 AM (IST)
तेहरान, एजेंसी। Iran Hijab Rules: हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बाद हुई राष्ट्रव्यापी गिरफ्तारियों के महीनों बाद, ईरान में एक बार फिर हिजाब नियम सख्त हो गया है।
इसके लिए 'नैतिकता पुलिस'सड़कों पर गश्त लगा रही है। ईरानी कानून प्रवर्तन बल के प्रवक्ता, सईद मोंटाजेरलमहदी ने रविवार को पुष्टि की कि पुलिस गश्त अब पैदल और वाहनों के साथ चल रही है, ताकि उन लोगों पर नकेल कसी जा सके, जो सही से हिजाब नहीं पहन रहे है।
ईरान में और कड़े हुए ड्रेस कोड कानून
अल जजीरा ने राज्य मीडिया का हवाला देते हुए मोंटेजेरलमहदी के हवाले से कहा, पहले नैतिकता पुलिस चेतावनी जारी करेगी और फिर उन लोगों को न्यायिक प्रणाली से परिचित कराएगी जो हिजाब के नियमों का उल्लंघन करते है। पुलिस को उम्मीद है कि हर कोई नियमों के तहत लागू ड्रेस कोड का पालन करेगा, ताकि अधिकारी अन्य महत्वपूर्ण पुलिस मिशन को निपटा सके। बता दें, पुलिस अधिकारियों को महिलाओं और पुरुषों को उनके कपड़े पहनने के तरीके को सही करने के लिए चेतावनी देने का काम सौंपा गया है।महिलाओं को पहनने होंगे ऐसे कपड़े
महिलाओं को हेडस्कार्फ से लेकर अधिक ढीले-ढाले और उपयुक्त समझे जाने वाले कपड़े पहनने का नियम है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को गिरफ्तार किया जा सकता है और पुलिस द्वारा पुनर्शिक्षा सुविधाओं में ले जाया जा सकता है।
महसा अमीनी की मौत के 10 महीने बाद लागू हुआ नियम
यह नियम 22 साल की महसा अमीनी के ड्रेस कोड उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस हिरासत में मौत के 10 महीने बाद आया है। महसा के मौत के कारण देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान कई लोग जेल भी गए। इस बीच सड़कों पर नैतिकता पुलिस मौजूद नहीं हो पाई थी।1979 की इस्लामी क्रांति के बाद लागू हुआ कोड
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के बाद, ईरानी अधिकारियों ने अनिवार्य हिजाब कानूनों को लागू करने पर परहेज किया था। जानकारी के लिए बता दें कि देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के तुरंत बाद इसे लागू किया गया था। हालांकि, वह दृष्टिकोण अब धीरे-धीरे बदलता दिख रहा है।
पिछले कुछ महीनों से, पुलिस हिजाब उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करने के लिए निगरानी कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। उन्हें चेतावनी दी जाती है, जुर्माना लगाया जाता है या अदालत में पेश होने के लिए भेजा जाता है। इसके अलावा जो लोग अपने वाहनों में ड्रेस कोड का उल्लंघन करते पाए जाते है,उनकी कारें जब्त कर ली जाती हैं।