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ईरान में हिजाब की अनिवार्यता के खिलाफ भड़का प्रदर्शन 50 शहरों तक फैला; 10 की मौत, अमेरिका का ईरानी सरकार पर एक्‍शन

ईरान में हिजाब की अनिवार्यता के खिलाफ भड़का प्रदर्शन 50 शहरों तक फैल गया है। इसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है। प्रदर्शन बढ़ता देख ईरानी सरकार ने इंटरनेट सेवाएं सीमित कर दी हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Fri, 23 Sep 2022 02:41 AM (IST)
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माहसा अमीनी (22) की मौत को लेकर ईरान के 50 शहरों में विरोध प्रदर्शन फैल गया है।
दुबई, रायटर। कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ भारतीय मुसलमानों का एक वर्ग जहां अदालती लड़ाई लड़ रहा है, वहीं मुस्लिम राष्ट्र ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता के विरोध में लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। मत के नाम पर लागू प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों में गुस्सा इस कदर है कि कुर्दिस्तान से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन राष्ट्रव्यापी हो चुका है। देश के 50 से ज्यादा शहरों में लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

दो थानों व वाहनों को किया आग के हवाले

प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दो थानों व वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन की शुरुआत के बाद से झड़पों में 10 लोग मारे जा चुके हैं, लेकिन पुलिस ने सिर्फ सात की पुष्टि की है। शुक्रवार को देशभर में सरकार समर्थक संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे।

माहसा की मौत के बाद भड़के लोग

ईरान में प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों का गुस्सा पिछले हफ्ते उस समय भड़क उठा जब, तेहरान में पुलिस की हिरासत में माहसा अमीनी (22) की मौत हो गई। माहसा को पुलिस ने हिजाब नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था। कुर्दिस्तान की रहने वाली माहसा की मौत के बाद लोग भड़ उठे।

ईरान को वापस लेकर रहेंगे के लग रहे नारे

पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रदर्शन का प्रभाव ज्यादा है। ट्विटर पर प्रसारित एक वीडियो में प्रदर्शनकारी एक थाने के करीब नारे लगा रहे हैं- 'हम मर जाएंगे, हम मर जाएंगे, लेकिन ईरान को वापस लेकर रहेंगे।' इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने थाने को आग के हवाले कर दिया। इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि वह थाना कौन सा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा आग के हवाले किया गया दूसरा थाना राजधानी तेरहान का है।

10 लोगों की मौत

कुर्दिश मानवाधिकार समूह हेंगाव ने बताया कि बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प में तीन लोग मारे गए। इनमें सरकार समर्थक संसदीय संगठन बासिज का एक सदस्य शामिल है, जिसे क्वाजमिन शहर में चाकू मारा गया था। इसके साथ ही प्रदर्शन के दौरान मारे जाने वालों की संख्या 10 हो चुकी है। विरोध बढ़ता देख सरकार ने इंटरनेट सेवाएं सीमित कर दी हैं। वाट्सएप व इंस्टाग्राम पर तस्वीरें अपलोड करने पर रोक लगा दी गई है।

कार्रवाई तेज करने की योजना

ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए न्यायपालिका से ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अपील की है। रिवोल्यूशनरी गा‌र्ड्स ने कहा है कि माहसा अमीनी को लेकर गलत खबरें और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ न्यायपालिका कार्रवाई करे। रिवोल्यूशनरी गा‌र्ड्स के इस रुख से लगता है कि वह प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने की योजना बना रहा है।

खामनेई के खिलाफ भी गुस्सा

प्रदर्शनकारियों में ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के खिलाफ भी गुस्सा है। तेहरान के एक वीडियो में भीड़ यह कहती हुई सुनाई देती है, 'मोजताब तुम मर जाओगे, लेकिन सर्वोच्च नेता नहीं बन पाओगे।' मोजताब खामनेई के बेटे हैं और माना जा रहा है कि देश के अगले सर्वोच्च नेता वही होंगे।

अमेरिका ने ईरान की पुलिस पर लगाया प्रतिबंध

महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दु‌र्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने ईरान की पुलिस पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईरान के खुफिया मंत्री पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है।

सहमी ईरानी सरकार

वर्ष 2019 के बाद हो रहे सबसे बड़े देशव्यापी प्रदर्शन से ईरानी सरकार सहम गई है। उसे प्रदर्शन के और विकराल रूप धारण करने का भय सताने लगा है। इसलिए, पुलिस प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए बल प्रयोग कर रही है। वर्ष 2019 में गैसोलिन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ ईरान में अभूतपूर्व प्रदर्शन हुए थे, जिनमें 1,500 से ज्यादा लोग मारे गए थे।  

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