हिंद महासागर में रूस ने उतारी अपनी नौसेना, ईरान के साथ करेगा अभ्यास; इजरायल से तनाव के बीच 9 देशों की नेवी पहुंची
हिंद महासागर में रूस और ईरान की नौसेना संयुक्त अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं। इसमें ओमान की नौसेना भी शामिल होगी। पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत नौ देश अभ्यास का अवलोकन करेंगे। इससे पहले चीन के साथ ईरान ने मार्च महीने में नौसैनिक अभ्यास किया था। मौजूदा नौसैनिक अभ्यास इजरायल के साथ ईरान के तनाव के बीच हो रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच तनाव अभी जारी है। इजरायल ने अभी तक ईरानी हमले का जवाब नहीं दिया है। मगर कहा जा रहा है कि पांच नवंबर से पहले इजरायल किसी भी वक्त ईरान पर पलटवार कर सकता है। इस बीच ईरान ने चीन और रूस से अपनी करीबियां बढ़ानी शुरू कर दी है।
रूस तो खुलकर ईरान के समर्थन में आ चुका है। अब रूस और ईरान की नौसेना ने हिंद महासागर में अभ्यास शुरू कर दिया है। यह जानकारी ईरान के सरकारी टीवी ने दी है।
इन देशों की नौसेना ले रही हिस्सा
हिंद महासागर में आयोजित इमेक्स 2024 नौसैनिक अभ्यास में रूस, ईरान और ओमान की नौसेना हिस्सा ले रही हैं। यह अभ्यास शनिवार यानी 19 अक्टूबर को शुरू हो गया है। नौ देश इस अभ्यास का अवलोकन करेंगे। इसमें सऊदी अरब, कतर, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और थाईलैंड शामिल हैं। इससे पहले मार्च में रूस-चीन और ईरान ने पांचवें संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लिया था।
क्या है अभ्यास का मकसद?
ईरान की सरकारी टीवी के मुताबिक इस अभ्यास का मकसद क्षेत्र में सामूहिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इसके अलावा बहुपक्षीय सहयोग का विस्तार करना, शांति व मित्रता और समुद्री सुरक्षा शामिल है। अभ्यास में शामिल देश अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार सुरक्षा, समुद्री मार्गों की रक्षा, राहत एवं बचाव कार्यों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान करने की रणनीति का अभ्यास करेंगे।
तनाव के बीच हो रहा अभ्यास
यह अभ्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसका आयोजन पश्चिम एशिया में तनाव के बीच हो रहा है। अमेरिकी दबाव के जवाब में ईरान ने रूस और चीन के साथ सैन्य सहयोग को बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसी महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने तुर्कमेनिस्तान में मुलाकात की थी। पुलिस ने इजरायल को चेतावनी दी थी कि ईरान पर हमला मत कर देना।
इजरायल ने खाई बदले की कसम
एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलों की बारिश की थी। हालांकि अधिकांश मिसाइलों को इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया था। मगर कुछ मिसाइलों ने इजरायल को मामूली नुकसान पहुंचाया था। इजरायल ने ईरान के इस हमले का जवाब देने की कसम खाई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री ईरान को खुली धमकी दे चुके हैं। अब देखना यह होगा कि इजरायल कब और कैसे ईरान पर हमला करेगा?
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