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ईरान के राष्ट्रपति ने कहा- विदेशी दुश्मन दे रहे हैं स्कूली छात्राओं को जहर, साजिश का है हिस्सा

ईरान में बीते दिनों से कई लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए जहर देने का मामला सामने आया था। इस संबंध में राष्ट्रपति इब्राहिम ने कहा कि देश भर में एक के बाद एक सैकड़ों स्कूली छात्राओं के जहर देने के लिए तेहरान के दुश्मन देश जिम्मेदार है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 04 Mar 2023 08:59 AM (IST)
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ईरान के राष्ट्रपति ने कहा- विदेशी दुश्मन दे रहे हैं स्कूली छात्राओं को जहर, साजिश का है हिस्सा
तेहरान, रॉयटर्स। ईरान में बीते दिनों से कई लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए जहर देने का मामला सामने आया था। इस घटना के लिए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी दुश्मन देशों पर इसका आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देश भर में एक के बाद एक सैकड़ों स्कूली छात्राओं के जहर देने के लिए तेहरान के दुश्मन देश जिम्मेदार है।

दुश्मन देश दे रहें हैं ईरान की छात्राओं को जहर- रईसी

दक्षिणी ईरान में शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रईसी ने देश के दुश्मनों पर छात्राओं को जहर दिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में अफरा-तफरी मचाने के लिए यह एक साजिश है। दुश्मन देश ईरान के माता-पिता और छात्रों के बीच भय एवं असुरक्षा उत्पन्न करना चाहते हैं।' हालांकि राष्ट्रपति ने किसी देश का नाम नहीं लिया। ईरान के नेता अकसर अमेरिका, इजरायल और अन्य देशों पर आरोप लगाते रहते हैं।

30 से ज्यादा स्कूलों में हुई ऐसी घटनाएं

ईरान में अभी तक चार शहरों में 30 से ज्यादा स्कूलों की छात्राओं को जहर देने की घटना सामने आई है। इस घटना की शुरुआत नवंबर में ईरान के क्योम शहर से हुई थी। इसके बाद कई माता-पिता ने अपने बच्चों रक्षा के लिए उन्हें स्कूल से वापस ले लिया था। ईरान के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को कहा था कि विभिन्न स्कूलों की सैकड़ों छात्राएं जहर दिन की घटना का शिकार हुई है। कुछ नेताओं का मानना है कि लड़कियों की शिक्षा के विरोधी धार्मिक समूहों ने उन्हें निशाना बनाया होगा।

माता-पिता ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

आईआरएनए राज्य समाचार एजेंसी ने पनाही के हवाले से बताया था कि क्यूम स्कूलों में कई छात्रों को जहर दिए जाने के बाद, यह पाया गया कि कुछ लोग चाहते थे कि सभी स्कूलों को खासकर लड़कियों के लिए बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक जहर देने के मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आईआरएनए ने बताया कि 14 फरवरी को, बीमार छात्रों के माता-पिता अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग करने के लिए शहर के बाहर इकट्ठा हुए थे।

खुफिया और शिक्षा मंत्रालय कर रहा जांच

सरकार के प्रवक्ता अली बहादोरी जहरोमी ने कहा कि खुफिया और शिक्षा मंत्रालय विषाक्तता के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले हफ्ते, अभियोजक जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी ने घटनाओं की न्यायिक जांच का आदेश दिया। बता दें महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड के कथित उल्लंघन के लिए 22 वर्षीय ईरानी कुर्द महसा अमिनी की हिरासत में 16 दिसंबर को हुई मौत के बाद से ईरान में ऐसी घटनाएं बढ़ गई हैं।