'बातचीत के लिए तैयार, लेकिन नहीं सहेंगे दबाव', ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के प्रस्ताव पर बोला ईरान
Iran ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी बोर्ड द्वारा ईरान के खिलाफ एक नए प्रस्ताव पर जोर दे रहे हैं। इस बीच ईरान ने कहा है कि वह देश परमाणु कार्यक्रम पर लंबित विवादों को सुलझाने का इच्छुक है लेकिन दबाव के आगे नहीं झुकेगा। ईरान ने उम्मीद जताई है कि दूसरा पक्ष तर्कसंगत नीति अपनाएगा।
रॉयटर्स, दुबई। ईरान के विदेश मंत्री ने गुरुवार को कहा कि उनका देश परमाणु कार्यक्रम पर लंबित विवादों को सुलझाने का इच्छुक है, लेकिन दबाव के आगे नहीं झुकेगा। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) प्रमुख राफेल ग्रासी के साथ तेहरान में बातचीत के बाद विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि गेंद अब ईयू/ई3 के पाले में है।
उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्रीय हित और अधिकारों के आधार पर बातचीत को वे तैयार हैं, लेकिन दबाव और धमकी नहीं सहेंगे। उन्हें उम्मीद है कि दूसरा पक्ष तर्कसंगत नीति अपनाएगा। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बताया कि तेहरान परमाणु गतिरोध को हल करने के लिए अपनी गंभीरता के बारे में ग्रासी के माध्यम से तीन यूरोपीय शक्तियों फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी को एक संदेश भेजेगा।
दबाव का विपरीत प्रभाव होगा
उन्होंने कहा कि तेहरान पर किसी भी दबाव का विपरीत प्रभाव होगा। राजनयिकों ने रॉयटर्स को बुधवार को बताया कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी अगले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी बोर्ड द्वारा ईरान के खिलाफ एक नए प्रस्ताव पर जोर दे रहे हैं, ताकि तेहरान पर उसके खराब सहयोग को लेकर दबाव बनाया जा सके।ग्रासी ने ईरान के परमाणु प्रमुख के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में तेहरान से शेष मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यहां ठोस कदम उठाना हमारी शक्ति में है, जो अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से संकेत देगा कि हम चीजों को स्पष्ट कर सकते हैं और ठोस समाधान के साथ आगे बढ़ सकते हैं।