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Iran Supports Hamas: हथियार से लेकर पैसे तक... हमास का खुलकर साथ क्यों दे रहा ईरान?

Iran Supporting Hamas in Attack Against Israel ईरान ने इजरायल पर हमास के हमले का समर्थन किया है। ईरान ने इस्लामिक राष्ट्रों से अपील की है कि फलस्तीन के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका समर्थन करें। वहीं अमेरिका ने सोमवार को ईरान को चेतावनी दी है कि वो इजरायल के खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई न करें जिससे अमेरिका और ईरान के रिश्तों में और दरार बढ़े।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Tue, 10 Oct 2023 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2023 02:23 PM (IST)
ईरान ने खुलकर आतंकी संगठन हमास का समर्थन किया।(फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण न्यूज नेटवर्क, तेल अवीव। Iran Supporting Hamas in Attack Against Israel। "हमास और ईरान एकजुट हैं। वो हमास को हथियार मुहैया करा रहे हैं" अमेरिका ने यह दावा करते हुए ईरान को चेतावनी दी है कि वो इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से दूरी बनाए रखे।

ईरान ने खुलकर आतंकी संगठन हमास का समर्थन किया है। हालांकि, उसने ये भी कहा है कि वो इजरायल के खिलाफ युद्ध में हमास की मदद नहीं कर रहा है। 

फलस्तीन के लोगों को आत्मरक्षा के लिए लड़ने का अधिकार: ईरान

शनिवार को ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले का समर्थन करते हुए इसे फलस्तीन के लोगों की सेल्फ-डिफेन्स (आत्मरक्षा के लिए लड़ने का अधिकार) की कोशिश बताया है। ईरान के मुताबिक, हमास की यह कार्रवाई जिहाद की अभिव्यक्ति है। इतना ही नहीं ईरान ने इस्लामिक देशों से अपील की कि वो फलस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करें।

(ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की फाइल फोटो)

हमास ने शनिवार तड़के (7 अक्टूबर) इजरायल पर अचानक हमला बोल दिया। हमास के मुताबिक, इस हमले के जरिए वो यरुशल में मौजूद धार्मिक स्थल अल-अक्सा और वेस्ट बैंक में इजरायल के हमलों का बदला ले रहे हैं। हमास ने दावा किया था कि हजारों रॉकेट के जरिए इजरायल पर हमला बोला गया।

वहीं, औचक हमले के बाद इजरायल ने भी हमास के आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल हमास के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। वहीं, आतंकी संगठन को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। 

हमास के साथ खड़ा है ईरान

भारत समेत पश्चिमी देश इजरायल के साथ खड़े हैं। वहीं, ईरान जैसे मुल्क फलस्तीन और हमास का समर्थन कर री है। कई मीडिया रिपोर्ट ये दावा करते आए हैं कि आतंकी संगठन हमास को ईरान का समर्थन मिलता आया है। चाहे आर्थिक मदद हो या सैन्य मदद, ईरान ने हमेशा इजरालय के खिलाफ लड़ने के लिए हमास की मदद की है।  

आतंकी संगठन के समर्थन में ईरान ने क्या कहा?

ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया एक्स पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीर केनानी के पोस्ट को रिपोस्ट किया है। बयान में कहा गया कि अल-अक्सा स्टॉर्म अभियान... (al aqsa storm operation) विद्रोही गुटों और उत्पीड़न झेल रहे फलस्तीन के लोगों की मुहिम है, जो उन्होंने अपने अधिकारों  के लिए जायनिस्ट शासन की गलत और उकसावे वाली नीतियों के खिलाफ छेड़ी है।" बता दें कि इजराय ने अल-अक्सा स्टॉर्म अभियान के खिलाफ इजरायल ने ऑपरेशन आरन सॉर्ड (Operation Iron Swords) छेड़ रखा है।

(विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीर केनानी की फाइल फोटो)

नसीर केनानी ने आगे लिखा,"ईरान मानता है कि हिंसा और फलस्तीनियों की मौतों के लिए कब्जा करने वाले लोग और उसके समर्थन करने वाले जिम्मेदार हैं। हम इस्लामिक राष्ट्रों से अपील करते हैं कि फलस्तीन के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका समर्थन करें।"

उन्होंने आगे कहा,"फलस्तीनी लोगों का अधिकार है कि वो अपने अधिकारों की रक्षा करें, अपनी जमीनों को बचाएं और अपने पूजा स्थलों पर कब्जे का विरोध करें।

हमास और हिजबुल्लाह को ईरान पर है भरोसा

स्वतंत्र देश की मांग करने वाले आतंकी संगठन हमास और हिजबुल्लाह दोनों ने ईरान का समर्थन करते हुए कहा कि जब तक ईरान के पास पैसा है, हमारे पास पैसा है। कोई भी कानून इस सहायता को प्राप्त करने से नहीं रोक सकता।"

अमेरिका स्थित थिंक टैंक, विल्सन सेंटर की 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 2006 से ईरान स्थानीय स्तर पर रॉकेट बनाने के लिए इन आतंकी संगठनों को जानकारी और उपकरण मुहैया करा रहा है।

युद्ध से दूर रहे ईरान: अमेरिका

अमेरिका ने सोमवार को ईरान को चेतावनी दी है कि वो इजरायल के खिलाफ कोई ऐसी कार्रवाई न करें, जिससे अमेरिका और ईरान के रिश्तों में और दरार पैदा हो।

अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल चार्ल्स क्यू. ब्राउन (General Charles Q. Brown) ने कहा,"ईरान इस विवाद में शामिल न हों।" ब्राउन ने बताया कि हम ईरान तक मजबूत संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि वो इजरायल के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा,"हमारे देश इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के प्रयासों में इजरायल का समर्थन करेंगे।"

युद्ध में 1500 से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान 

युद्ध के एलान के बाद से इजरायली विमानों ने गाजा पट्टी के 426 ठिकानों को निशाना बनाया है। अभी तक के युद्ध में करीब 900 इजरायली लोगों की मौत हुई है। इजरायल डिफेंस फोर्स भी लगातार गाजा में हमास आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।  इजरायली क्षेत्र में हमास आतंकवादियों के 1,500 शव पाए गए हैं।

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