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ईरानी सांसदों ने राष्‍ट्रपति इब्राहिम रईसी को लिखा पत्र, वियना परमाणु समझौते पर आगे बढ़ने को लेकर रखी शर्तें, जानें क्‍या कहा

वियना में साल 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। ईरानी सांसदों ने रविवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को एक पत्र लिखकर परमाणु समझौते के पुनरुद्धार के लिए छह शर्तें रखी हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 20 Feb 2022 06:30 PM (IST)
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वियना में साल 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिशों को झटका लगा है।
दुबई, रायटर। वियना में साल 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। इसके लिए ईरान और विश्व शक्तियों के बीच चल रही बातचीत को काफी सकारात्‍मक माना जा रहा है। इस बीच ईरानी सांसदों ने रविवार को राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में ईरानी सांसदों ने वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते के पुनरुद्धार के लिए छह शर्तें रखी हैं। ईरान के 290 में से 250 सांसदों के हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि वे बहाल समझौते से बाहर नहीं निकलेंगे।

समाचार एजेंसी रायटर ने ईरानी न्‍यूज एजेंसी इरना (IRNA) के हवाले से बताया है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों को यह भी गारंटी देनी चाहिए कि वे 'स्नैपबैक मैकेनिज्म' को नहीं शुरू करेंगे और ना तो इसके तहत ईरान पर प्रतिबंध बहाल करेंगे। सनद रहे कि कट्टरपंथी नेतृत्व वाली संसद ने परमाणु समझौते की प्रस्तावित शर्तों पर मतदान नहीं किया है। सांसदों ने पत्र में कहा है कि हमें पिछले अनुभवों से सबक सीखना होगा। यही नहीं आवश्यक गारंटी मिले बिना कोई समझौता नहीं करके राष्ट्रीय हित पर गौर करना होगा।

सांसदों की ओर से यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब माना जा रहा है कि परमाणु समझौता बहाल किए जाने की कवायद अंतिम चरण में है। यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बहुत जल्द यह समझौता हो सकता है। यही नहीं हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने बयान दिया था कि वियना में 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए चल रही बातचीत निर्णायक दौर में है। बता दें कि ईरान और यूके, चीन, फ्रांस, रूस, जर्मनी के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है।