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ईरान की सड़कों पर बिना हिजाब निकल रहीं महिलाएं, महसा अमीनी को कर रहीं याद; जानें क्या है पूरा मामला

ईरान की सड़कों पर महिलाएं बिना हिजाब के नजर आ रही हैं इसे महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी पर विरोध के तौर पर देखा जा रहा है। 2022 में महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन हुए थे। तेहरान की सड़कों पर महिलाएं बिना हिजाब के और अपने बाल खोलकर चलती नजर आ रही हैं।

By Agency Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 14 Sep 2024 05:12 PM (IST)
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महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी पर ईरान की सड़कों पर बिना हिजाब निकल रहीं महिलाएं। (फाइल फोटो)

एपी, दुबई। ईरान की सड़कों पर महिलाएं बिना हिजाब के नजर आ रही है। इस तरह की घटना यहां अब आम बात होती जा रही है। इसे महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी पर विरोध के रूप में देखा जा रहा है। 

बता दें, 16 सितंबर 2022 को 22 वर्षीय ईरानी महिला महसा अमीनी की मौत हो गई थी। उसे ईरान की नैतिकता पुलिस ने हिजाब ठीक से न पहनने पर प्रताड़ित किया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इसे लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था। तेहरान की सड़कों पर खासकर शाम के समय महिलाएं बिना हिजाब के और अपने बाल खोलकर चलती नजर आ रही हैं। इसे लेकर कई वीडियो भी प्रसारित हो रहे हैं। 

महिलाएं महसा अमीनी को दे रहीं श्रेय

वीकेंड में दिन के समय भी महिलाओं को प्रमुख पार्कों में बाल खोलकर बैठे देखा जा सकता है। तेहरान शरीफ विश्वविद्यालय की एक 25 वर्षीय छात्रा ने कहा कि स्कार्फ न पहनने का मेरा साहस महसा अमीनी की विरासत है और हमें इसे एक उपलब्धि के रूप में संरक्षित करना है।

चुनाव में हिजाब बना था मुद्दा

बता दें, साल 1979 में ईरान में हिजाब का कानून लागू हुआ था। इस कानून के लागू होने के बाद ईरान की महिलाएं अलग-अलग तरह से इसका विरोध करती रही हैं। इसी हिजाब कानून के विरोध में 22 साल की महसा अमीनी की मौत हो गई थी, जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे। ईरान के नवनियुक्त राष्ट्रपति मसूद पजशकियान को भी हिजाब विरोधी माना जाता है।

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