Iran Explosion: ईरान में हुए विस्फोटों की इस्लामिक स्टेट ने ली जिम्मेदारी, धमाके में 103 लोगों की हुई थी मौत
रिवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स के कमांडर रहे कासिम सुलेमानी की केरमन शहर में स्थित कब्र पर बुधवार को बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान ये विस्फोट हुए थे। इन विस्फोटों की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। लेकिन ईरान सरकार ने इनके लिए इजरायल को जिम्मेदार माना है। इससे पहले 25 दिसंबर को इजरायल ने सीरिया में रिवोल्यूशनरी गार्ड के ब्रिगेडियर जनरल मुसावी को हवाई हमले में मारा था।
रायटर, तेहरान। ईरान में बुधवार को हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली है। संगठन ने कहा है कि उसके दो सदस्यों ने आत्मघाती हमले में केरमन शहर में विस्फोट किए। आइएस ने यह जानकारी इंटरनेट मीडिया साइट टेलीग्राम पर दी है। इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने केरमन में हुए विस्फोटों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे बड़ी कीमत चुकाने की चेतावनी दी थी।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने भी विस्फोटों के जिम्मेदार को बड़ी कीमत चुकाने की चेतावनी दी थी। बुधवार को हुए विस्फोटों में 103 लोगों की जान गई थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे। टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में रईसी ने कहा, इजरायल की यहूदी सरकार को अपने किए अपराध की सजा के लिए किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए, वह सजा उसे जरूर मिलेगी और बहुत गंभीर होगी।रिवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स के कमांडर रहे कासिम सुलेमानी की केरमन शहर में स्थित कब्र पर बुधवार को बरसी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान ये विस्फोट हुए थे। इन विस्फोटों की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। लेकिन ईरान सरकार ने इनके लिए इजरायल को जिम्मेदार माना है। इससे पहले 25 दिसंबर को इजरायल ने सीरिया में रिवोल्यूशनरी गार्ड के ब्रिगेडियर जनरल मुसावी को हवाई हमले में मारा था।
ईरान और इजरायल के बीच दुश्मनी का रिश्ता है। ईरान ने 1948 में बने इजरायल को अभी तक मान्यता नहीं दी है। साथ ही इजरायल से लड़ रहे अतिवादी संगठन हमास को शुरू से हर तरह की मदद दे रहा है। सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले को ईरान का समर्थन माना जाता है। हमले के बाद ईरान ने हमास के प्रति सहानुभूति जताने वाले बयान दिए थे। जबकि अमेरिका ने विस्फोटों की घटना के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) को जिम्मेदार माना था।
आइएस इससे पहले 2022 में ईरान में शिया समुदाय के धार्मिक स्थल पर हमला कर चुका है, उस हमले में 15 लोग मारे गए थे। आतंकी संगठन पर 2017 में ईरानी संसद और अयातुल्ला खोमैनी के मकबरे पर विस्फोट के भी आरोप लगे थे।