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Israel-Hamas War: हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले दिया था नशीला पदार्थ, इजरायल ने किया बड़ा दावा

इजरायल ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले नशीला पदार्थ दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी इजरायली संसद में दी। उन्होंने दावा किया कि बंधकों को नशीला पदार्थ इसलिए दिया गया था ताकि वे तनाव मुक्त और खुश दिखें। उन्होंने कहा कि बंदियों को क्लोनाजेपम जैसा नशीला पदार्थ दिया गया।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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इजरायल का दावा- हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले नशीला पदार्थ दिया था

रॉयटर्स, तेल अवीव। इजरायल और हमास के बीच चल रही भीषण लड़ाई के बीच हमास ने कुछ इजरायली बंधकों को भी रिहा किया है। लेकिन बंधकों को लेकर इजरायल ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले नशीला पदार्थ दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी इजरायली संसद में दी।

स्वास्थ्य अधिकारी ने संसद में दी जानकारी

उन्होंने दावा किया कि बंधकों को नशीला पदार्थ इसलिए दिया गया था, ताकि वे तनाव मुक्त और खुश दिखें। स्वास्थ्य मंत्रालय के चिकित्सा प्रभाग के प्रमुख हागर मिजराही ने संसद स्वास्थ्य समिति को गवाही दी कि रेड क्रॉस की हिरासत में सौंपे जाने से कुछ समय पहले बंदियों को ट्रैंक्विलाइजर दिया गया था, जिसे उन्होंने क्लोनाजेपम के रूप में पहचाना था।

बता दें कि क्लोनाजेपम का उपयोग आमतौर पर दौरे और घबराहट संबंधी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर यह दवा मौखिक रूप से दी जाती है, जो तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। हालांकि इसके बाद लोगों को साइड इफेक्ट भी सामने आते हैं जैसे, चक्कर आना, थकान और उल्टी आना शामिल हैं।

हमास के कैद में अभी भी सैकड़ों लोग

अस्थायी युद्धविराम के दौरान कैदियों की अदला-बदली में 23 थाई और एक फिलिपिनो के साथ 81 इजरायलियों को मुक्त कर दिया गया। हमास ने वर्तमान में गाजा में 137 पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, सैनिकों और विदेशियों को बंदी बना रखा है।

सात अक्टूबर को गाजा सीमा के पास इजरायली समुदायों पर हमास के हमलों में कम से कम 1,200 लोग मारे गए थे। कुछ लोगों का पता नहीं चला है क्योंकि इजरायली अधिकारी शवों की पहचान करना और मानव अवशेषों की तलाश करना जारी रखते हैं।

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30,000 थाई मजदूर इजरायल में करते थे काम

एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, थाईलैंड के श्रम मंत्रालय के अनुसार, लौटने वालों में से एक को हमास द्वारा पकड़े जाने के दौरान पेट में चोटें आईं। युद्ध से पहले, लगभग 30,000 थाई मजदूर इजरायल के कृषि क्षेत्र में काम करते थे। इनमें ज्यादातर देश के ग्रामीण इलाकों के है। जिससे वे देश के सबसे बड़े प्रवासी श्रमिक समूहों में से एक बन गए।