Gaza Strip: संयुक्त राष्ट्र के 13 हजार कर्मियों ने खुद को गाजा से निकालने की गुहार लगाई, बोले- हमें इस नर्क से निकालो!
हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी में फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एजेंसी से जुड़े करीब 13 हजार कर्मचारी भयावह हालात में काम कर रहे हैं। एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि वे भयभीत और थक गए हैं। उन्होंने नर्क (गाजा पट्टी) से निकालने की अपील की है। फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) गाजा पट्टी में काम करती है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, संयुक्त राष्ट्र। हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी में फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) एजेंसी से जुड़े करीब 13 हजार कर्मचारी भयावह हालात में काम कर रहे हैं। एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि वे भयभीत और थक गए हैं। उन्होंने नर्क (गाजा पट्टी) से निकालने की अपील की है।
फलस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) गाजा पट्टी में काम करती है। यहां संयुक्त राष्ट्र की यह सबसे बड़ी एजेंसी है। इसके करीब 13 हजार स्टाफ में शिक्षक, डॉक्टर, नर्स और तकनीशियन और ड्राइवर शामिल हैं।
गाजा पट्टी से निकलना चाहते हैं कर्मचारी
यूएनआरडब्ल्यूए संचार निदेशक जूलियट टौमा ने कहा, "गाजा पट्टी में हमारा एक बहुत बड़ा अभियान संचालित हो रहा है। हम अपने स्टाफ से सुन रहे हैं कि वे भयभीत और थक गए हैं। वे यहां से निकलना चाहते हैं, क्योंकि यहां के हालात नर्क के समान हो गए हैं।" गाजा में दस दिन पहले संघर्ष शुरू होने के बाद से यूएनआरडब्ल्यूए के 14 कर्मचारियों की मौत हो चुकी और कई घायल हो गए हैं।
गाजा में मानवीय संकट का खतरा
गौरतलब है कि इजराइल, हमास के खिलाफ हमले को तेज करने की तैयारी कर रहा है, जिससे गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है और ईरान के साथ व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई है। 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हुए हमले के बाद इजरायल ने गाजा पर शासन करने वाले ईरान समर्थित हमास को पूरी तरह से खत्म करने की कसम खाई है।
आश्रय स्थलों में खाना-पानी और दवाओं की किल्लत
गाजा के आश्रय स्थलों में खाना-पानी और दवाओं की आपूर्ति कम हो गई है, ऐसे में सभी फलस्तीनी नागरिकों की निगाहें गाजा और मिस्र के बीच राफा क्रॉसिंग पर टिकी हैं। राफा, गाजा का मिस्र से एकमात्र संपर्क मार्ग है, जिसको इजरायली हवाई हमलों की वजह से लगभग एक हफ्ते पहले बंद कर दिया गया था।