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Israel Hamas War: फलस्तीन के सभी कैदियों को किया जाए रिहा, हमास ने इजरायल के सामने रखी बंदियों को छोड़ने की शर्त

Israel Hamas War इजरायल और हमास की जंग जारी है। इजरायल ने हमास के कई ठिकानों को तबाह कर डाला है। इस क्रम में फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के नेता याह्या सिनवार ने शनिवार को कैदियों की अदला-बदली को लेकर एक बयान दिया। सिनवार को सात अक्टूबर पर हुए हमलों का मुख्य समझा जाता है। हमलों में 1400 लोगों को मौत हुई थी।

By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 07:57 AM (IST)
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Israel Hamas War: फलस्तीन के सभी कैदियों को किया जाए रिहा

एजेंसी, गाजा पट्टी। इजरायल और हमास की जंग जारी है। इजरायल ने हमास के कई ठिकानों को तबाह कर डाला है। इस क्रम में फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के नेता याह्या सिनवार ने शनिवार को कैदियों की अदला-बदली को लेकर एक बयान दिया।

एजेंसी के मुताबिक, सिनवार ने बयान में कहा कि, हम इजरायल के साथ तत्काल बंदियों की अदला बदली के लिए तैयार हैं। सिनवार ने कहा हमारी शर्त है कि इजरायल की जेलों में बंद उन सभी फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए। जिन्होंने फलस्तीन की स्वतंत्रता के लिए समर्थन किया था। इस बीच प्रदर्शन के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

हमास ने 1400 लोगों को उतारा मौत के घाट

सिनवार को सात अक्टूबर पर हुए हमलों का मुख्य समझा जाता है। उस दिन हमलों में 1400 लोगों को मौत हुई थी, वहीं 229 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस बाबत इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हमलों में 7300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इनमें लगभग तीन हजार बच्चे शामिल है।

जंग को लेकर संयुक्त राष्ट्र की भूमिका

बीते शुक्रवार इजरायल-हमास की जंग के बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम के लिए जॉर्डन की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN Mahasabha) में पारित हुए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को एक विशेष सत्र के दौरान इजरायल और हमास के बीच तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का जोरदार आह्वान किया गया और गाजा पट्टी तक सहायता पहुंचाने तथा नागरिकों की सुरक्षा की मांग की गई। सदन में यह प्रस्ताव तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पारित हुआ।

संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट और विरोध में केवल 14 वोट पड़े। वहीं, भारत, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 45 देशों ने इस मतदान प्रक्रिया से खुद को बाहर रखा।

प्रस्ताव को सदन में यह बोलकर पारित किया गया कि अरब देशों द्वारा तैयार किया गया प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक महत्व रखता है। क्योंकि इजरायल ने 75 साल पुराने इतिहास में नागरिकों पर सबसे खराब हमास हमले के जवाब में गाजा में जमीनी कार्रवाई तेज कर दी है।

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