Israel Hamas War: अब इजरायल में माता-पिता बेटे के स्पर्म रख सकेंगे, युद्ध के दौर में निशानी को जिंदा रखने वाला कदम
यादें ही नहीं जीती-जागती निशानियां भी आंखों के सामने रहें इसके लिए इजरायल सरकार ने स्पर्म सुरक्षित किए जाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। हमास के साथ चल रहे युद्ध में मारे गए सैनिकों के माता-पिता अब आसानी से अपने बलिदानी बेटे के स्पर्म को सुरक्षित रख पाएंगे। यह प्रक्रिया बलिदानी सैनिक को दफनाने से पूर्व पूरी की जाएगी और स्पर्म को शीतगृह में सुरक्षित रख दिया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 09 Nov 2023 11:42 PM (IST)
जागरण न्यूज नेटवर्क, यरुशलम। यादें ही नहीं जीती-जागती निशानियां भी आंखों के सामने रहें, इसके लिए इजरायल सरकार ने स्पर्म सुरक्षित किए जाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। हमास के साथ चल रहे युद्ध में मारे गए सैनिकों के माता-पिता अब आसानी से अपने बलिदानी बेटे के स्पर्म को सुरक्षित रख पाएंगे।
यह प्रक्रिया बलिदानी सैनिक को दफनाने से पूर्व पूरी की जाएगी और स्पर्म को शीतगृह में सुरक्षित रख दिया जाएगा। बाद में गर्भाधान की प्रक्रिया से उक्त स्पर्म से भ्रूण विकसित किया जाएगा। इजरायल में अभी पोस्थूमस स्पर्म रिट्राइवल (पीएसआर) प्रक्रिया के तहत विधवा महिला अपने दिवंगत पति के स्पर्म को सुरक्षित कर सकती है। इसके लिए उसे किसी भी कानूनी प्रक्रिया में जाने की जरूरत नहीं होती है।
परिवार के आगे बढ़ने का सिलसिला खत्म होने की आशंका
मगर, अब माता-पिता को भी अपने बेटे के स्पर्म को सुरक्षित करने का अधिकार दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कई बलिदानी सैनिक अविवाहित हैं और उनके दुनिया से जाने के बाद परिवार के आगे बढ़ने का सिलसिला खत्म हो जाने की आशंका है।यहूदियों की संख्या कम न होने देने की चुनौती
कम आबादी वाले इजरायल में यहूदियों की संख्या को और कम न होने की चुनौती भी है, इसलिए कई औपचारिकताओं को खत्म कर इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्थायी तौर पर इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया है और माता-पिता को अधिकार संपन्न बनाया है।1400 इजरायलियों की मौत
वहीं, इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद गाजा में एक महीने से ज्यादा समय से लड़ाई जारी है, इसमें लगभग 1400 से अधिक लोग मारे गए। इनमें अधिकतर आम नागरिक शामिल हैं।