संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने इजरायल के इस आदेश को असंभव करार दिया है। हालांकि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड अस्टिन शुक्रवार को इजरायल पहुंचे और उन्होंने अमेरिका के दृढ़ समर्थन और सैन्य सहायता देने का वादा दोहराया।
गाजा में इजरायल के आदेश से भय का माहौल
उत्तरी गाजा को खाली करने के इजरायल के आदेश से फलस्तीनी नागरिकों और सहायता कर्मियों में भय व्याप्त हो गया है। गाजा में फलस्तीनी रेड क्रीसेंट की प्रवक्ता नेबल फरसाख ने कहा, 'खाना, बिजली और ईंधन के बारे में तो भूल जाओ। एकमात्र चिंता यह है कि क्या आप जीवित रहेंगे।'
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11 लाख लोग होंगे प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इस आदेश से 11 लाख लोग प्रभावित होंगे। अगर इस अल्टीमेटम पर अमल हुआ तो 40 किलोमीटर लंबी गाजा पट्टी पर लगभग पूरी आबादी दक्षिणी हिस्से में सिमट जाएगी। इस आदेश के बाद भी शुक्रवार को दक्षिणी गाजा में भी इजरायली बमबारी जारी रही।
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हमास के सैन्य ढांचे को निशाना बनाना मकसद
इजरायली सेना के प्रवक्ता जोनाथन कोनरिकस ने कहा कि सेना नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने का पूरा प्रयास करेगी और नागरिकों को युद्ध खत्म होने के बाद वापस आने की अनुमति होगी। सेना का कहना है कि उसका मकसद जमीन के नीचे हमास के सैन्य ढांचे को निशाना बनाना है।
'हमास आतंकियों की ढाल है नागरिक आबादी'
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ प्रेस वार्ता में इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि नागरिक आबादी हमास आतंकियों की ढाल है। इसलिए उन्हें अलग करना जरूरी है। लिहाजा जो अपना जीवन बचाना चाहते हैं, वे दक्षिणी हिस्से की ओर चले जाएं। ऑस्टिन ने यह भी कहा, 'हम अपने घर और अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं। रास्ता लंबा होगा, लेकिन मैं वादा करता हूं कि आखिर में जीत हमारी होगी।'
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि ऐसा पलायन विनाशकारी मानवीय दुष्परिणामों के बिना संभव नहीं होगा। उन्होंने इजरायल से इस आदेश को रद करने का आग्रह किया।
'अस्पतालों से घायलों को निकालना संभव नहीं'
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों से घायलों को निकालना संभव नहीं है और अस्पताल कर्मचारी ऐसी चेतावनी पर ध्यान नहीं देंगे। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने भी कहा कि वह अपने स्कूलों को खाली नहीं करेंगे जहां हजारों लोगों ने शरण ले रखी है। लेकिन उसने अपना मुख्यालय दक्षिण गाजा में शिफ्ट कर दिया है।
इजरायली सेना के एक अन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी से जब पूछा गया कि क्या सेना अस्पतालों, संयुक्त राष्ट्र शरणस्थलों व अन्य नागरिक स्थानों की रक्षा करेगी तो उन्होंने चेतावनी दी, 'यह युद्ध क्षेत्र है। अगर हमास गाजा निवासियों को पलायन करने से रोकेगा तो जिम्मेदारी उसकी होगी।'
इजरायल में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि इजरायल और हमास के बीच इस युद्ध में अभी तक इजरायल में 1,300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें 247 सैनिक हैं। जबकि गाजा पर इजरायली हमले में अब तक 1,799 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 6,388 लोग घायल हैं। इजरायल का कहना है कि उसने अपने देश में लगभग 1,500 हमास आतंकियों को मार गिराया है।
बमबारी में 13 बंधकों की मौत का दावा
पिछले शनिवार को हमले के बाद हमास के लड़ाके लगभग 150 लोगों को अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे। हमास ने दावा किया है कि इजरायली बमबारी में गुरुवार को 13 बंधक मारे गए, इनमें विदेशी भी शामिल हैं। हालांकि, सैन्य प्रवक्ता हगारी ने हमास के दावे का खंडन किया। उन्होंने कहा, 'हमारे पास अपनी जानकारी है। हमास के झूठ पर विश्वास न करें।'
इजरायल का कहना है कि रातभर किए गए हवाई हमलों में हमास की सुरंगों, सैन्य परिसरों और हथियार भंडारों समेत 750 ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमास का कहना है कि उसने जवाब में इजरायल पर 150 राकेट फायर किए।
मिस्र ने अपनी सीमा को किया मजबूत
मिस्र के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि उनके देश ने गाजा से लगती अपनी सीमा को मजबूत करने और कोई भी उल्लंघन रोकने के लिए 'अभूतपूर्व उपाय' किए हैं। उल्लेखनीय है कि मिस्र ने दशकों पहले इजरायल के साथ शांति समझौता कर लिया था और लंबे समय से एक क्षेत्रीय मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा है। वह फलस्तीनियों को अपने क्षेत्र में फिर से बसाने का दृढ़ता से विरोध कर रहा है।
फलस्तीनी नेता और जार्डन के किंग से मिले ब्लिंकन
हमास के प्रतिद्वंद्वी फलस्तीन अथारिटी के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास ने जार्डन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से कहा कि गाजा में फलस्तीनियों का जबरन विस्थापन 1948 की पुनरावृत्ति होगी, जब हजारों फलस्तीनी उस स्थान से भाग गए थे या उन्हें खदेड़ दिया गया था, जो अब इजरायल है। अधिकांश गाजावासी ऐसे शरणार्थियों के वंशज हैं। अब्बास ने गाजा में तुरंत सहायता भेजने की अनुमति देने का आह्वान किया।
ब्लिंकन ने शुक्रवार को जार्डन के किंग अब्दुल्ला से भी मुलाकात की। उनका कतर, सऊदी अरब, मिस्त्र और संयुक्त अरब अमीरात भी जाने का कार्यक्रम है।