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इजरायल ने दक्षिणी गाजा में की एयर स्ट्राइक, 47 फलस्तीनियों की मौत; शिफा अस्पताल में मिला हथियारों से भरा वाहन

इजरायली हमले में दक्षिणी गाजा में 47 फलस्तीनियों की मौत हो गई। दक्षिणी गाजा वही फलस्तीनी इलाका है जिसे सुरक्षित बताकर चार हफ्ते पहले इजरायली सेना ने उत्तरी भाग से लोगों को भेजा था। इजरायली सेना ने अब कहा है कि इसे भी खाली कर कहीं और जाओ। इजरायल ने तीन आवासीय भवनों पर यह ताजा हवाई हमले किया है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 09:31 PM (IST)
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इजरायली सेना की दक्षिणी गाजा में एयरस्ट्राइक से 32 फलस्तीनियों की मौत (फोटो- रायटर)
रॉयटर यरुशलम। उत्तरी गाजा पर नियंत्रण कायम करने के बाद इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के दक्षिणी भूभाग पर शनिवार को बड़े हवाई हमले किए। इन हमलों में 47 फलस्तीनी मारे गए हैं। इससे पहले इजरायली सेना ने आमजनों को इलाका छोड़कर अन्यत्र जाने के लिए कहा था। दक्षिणी गाजा वही फलस्तीनी इलाका है, जिसे सुरक्षित बताकर चार हफ्ते पहले इजरायली सेना ने उत्तरी भाग से लोगों को भेजा था।

गाजा में इजरायली हमलों में अभी तक 12 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। चार लाख आबादी वाले खान यूनिस शहर सहित पूरे दक्षिण गाजा के हालात इस समय बदतर हैं। गाजा पट्टी के इस दक्षिणी भूभाग में मूलवासियों के अतिरिक्त उत्तरी गाजा से आए करीब दस लाख लोग भी हैं। इसके कारण वहां की व्यवस्था चरमरा गई है। दक्षिण गाजा में रह रही करीब 20 लाख की आबादी पानी, बिजली और खाद्य सामग्री की कमी से बेहाल है।

इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सलाहकार मार्क रागेव भी मानते हैं कि युद्ध के बीच ठिकाना बदलना आसान और सुरक्षित नहीं है, क्योंकि रास्ते में या नई जगह पर जाने वाले इजरायली सेना और हमास के बीच होने वाली गोलीबारी या हवाई हमलों के शिकार हो सकते हैं। इस दौरान सबसे बड़ी समस्या ईंधन का अभाव है जिसके कारण लोगों को पैदल चलकर ही दूरदराज के कुछ सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। वैसे, इजरायली बमबारी के चलते गाजा पट्टी की करीब आधी इमारतें ध्वस्त या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं और करीब 15 लाख लोग बेघर हो चुके हैं।

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शुक्रवार-शनिवार रात खान यूनिस शहर की दो बहुमंजिला आवासीय इमारतों पर हुई इजरायली बमबारी में 26 फलस्तीनी मारे गए और 23 घायल हुए, जबकि कुछ किलोमीटर दूर डेयर अल-बलाह में एक घर पर हुई बमबारी में छह लोग मारे गए। शनिवार दोपहर बाद तीसरा हमला फिर से खान यूनिस शहर के एक अन्य घर पर हुआ। इस हमले में 15 लोग मारे गए। आमजनों पर किए गए हमलों के लिए इजरायली सेना ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है लेकिन पूर्व में उसने कहा था कि हमास छिपने के लिए आबादी के बीच के स्थानों, अस्पतालों और स्कूलों का इस्तेमाल करता है। गाजा के कार्मेल स्कूल में इजरायली सेना ने हथियारों का जखीरा बरामद किया है। बताया गया है कि ये हथियार हमास के हैं जो उसने छिपाकर रखे थे।

शिफा अस्पताल में हथियारों से भरा वाहन मिला

गाजा सिटी के अल-शिफा अस्पताल में शनिवार को भी तलाशी का कार्य जारी रहा। यहां पर इजरायली सेना को एक ऐसा वाहन मिला है जिसमें बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद हैं। सेना ने दावा किया है कि यह वाहन हमास का है और वह हथियारों को लड़ाकों के बीच वितरण के लिए ले जा रहा था लेकिन घेराबंदी के चलते उसे मौका नहीं मिला और यह वाहन अस्पताल परिसर में खड़ा रह गया। इजरायली सेना ने अस्पताल परिसर में सुरंग का एक द्वार मिलने का भी दावा किया है। इस बीच शिफा अस्पताल में एक नवजात बच्चे समेत पांच लोगों के मरने की खबर है। बताया गया है कि बच्चा इन्क्यूबेटर में था जबकि बाकी के लोगों की सघन चिकित्सा हो रही थी। बिजली की कमी से इनकी मौत हुई है।

संयुक्त राष्ट्र की तत्काल युद्धविराम की मांग

गाजा पट्टी में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए कार्यरत संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिप लैजारिनी ने कहा है कि उन्होंने उत्तरी गाजा में शरणार्थी बच्चों के स्कूल पर इजरायली हमले के बाद की भयावह तस्वीरें देखी हैं। इन तस्वीरों में बड़ी संख्या में मारे गए और घायल लोग दिखाई दे रहे हैं। ये तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। मारे गए और घायल लोग वे बेघर हैं जो इजरायली हमलों से बचने के लिए स्कूल भवन में शरण लिए हुए थे। लैजारिनी ने गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की मांग की है।

गाजा के बीमार बच्चों को लेकर यूएई पहुंचा विमान

गाजा पट्टी के एक हजार बीमार और घायल बच्चों का यूएई के अस्पतालों में इलाज कराने की राष्ट्रपति शेख मुहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को 15 लोगों को लेकर पहला विमान अबूधाबी एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों में कुछ बीमार बच्चे उनके परिवारीजन हैं। यह विमान मिस्त्र से बीमार बच्चों को लेकर आया था। यूएई के राष्ट्रपति ने गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध के कारण अस्पतालों की दुर्दशा के मद्देनजर बच्चों का इलाज कराने का प्रस्ताव रखा है।

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