Israel Hamas War: सदियों से चल रहा गाजा के लिए युद्ध, खूनी है इसका इतिहास; टाइमलाइन में समझें क्यों है ऐसी स्थिति
16वीं शताब्दी से लेकर 1917 तक गाजा ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। हालाकि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद गाजा ब्रिटिश से मिस्र और इजरायली सैन्य शासन में चला गया। अब यह एक घिरा हुआ इलाका है जिसमें लगभग 2.3 मिलियन फलिस्तीनी रहते हैं जिनमें से अधिकांश शरणार्थियों के वंशज हैं।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 30 Oct 2023 08:33 PM (IST)
रॉयटर्स, लंदन। Israel Hamas War: इजरायल-हमास जंग को 24 दिन बीत चुके है। इस हमले में अब तक 9500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं, गाजा में मरने वालों की संख्या 8 हजार के पार हो चुकी है। इजरायल के लगभग 1400 नागरिकों ने भी इस जंग में अपनी जान गंवा दी है।
इजरायल डिफेंस फोर्स लगातार गाजा पट्टी पर स्थित हमास के ठिकानों पर हमला कर रही है। यहां इजरायली सैनिकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए इजरायल सभी कोशिशें कर रही है।
इस आर्टिकल में हम आपको जंग से पहले गाजा की उस तस्वीर को उजागर करेंगे, जिसे शायद कोई नहीं जानता होगा। गाजा शहर का टाइमलाइन यहां समझें...
प्राचीन काल में भूमध्यसागरीय तट पर एक व्यापार केंद्र के रूप में गाजा विकसित हुआ था। गाजा शहर पर सिकंदर का कब्जा हुआ। इस दौरान कई पुरुषों की हत्या की गई। महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया गया। रोमन काल में, ईसाई धर्म गाजा शहर में तेजी से फैलने लगा। वहां अभी भी एक छोटा ईसाई समुदाय मौजूद है। 1400 वर्ष पहले अरब सेनाओं ने गाजा पर आक्रमण किया और इस्लाम स्थापित किया।
16वीं शताब्दी से लेकर 1917 तक गाजा ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। हालाकि, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद गाजा ब्रिटिश से मिस्र और इजरायली सैन्य शासन में चला गया। अब यह एक घिरा हुआ इलाका है जिसमें लगभग 2.3 मिलियन फलिस्तीनी रहते हैं, जिनमें से अधिकांश शरणार्थियों के वंशज हैं।
गाजा का हालिया इतिहास हैरान कर देने वाला....
1948 - ब्रिटिश शासन का अंत
- फलिस्तीन में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन समाप्त हुआ और 1940 के अंत में, यहूदियों और अरबों के बीच हिंसा तेज हो गई।
- मई 1948 में नव निर्मित इजरायल राज्य और उसके अरब पड़ोसियों के बीच युद्ध हुई।
- इस दौरान हमलावर मिस्र की सेना ने पट्टी 25 पर कब्जा कर लिया
- इजरायल से भागे या खदेड़े गए हजारों फलिस्तीनियों ने वहां शरण मांगी, जिससे जनसंख्या तीन गुना होकर लगभग 200,000 हो गई।
1950 और 1960 - मिस्र का सैन्य शासन
- मिस्र ने गाजा पट्टी को दो दशकों तक सेना के अधीन रखा।
- सशस्त्र फलिस्तीनी 'फेदायीन' जिनमें से कई शरणार्थी थे, ने इजरायल में हमले किये और प्रतिशोध लिया।
- संयुक्त राष्ट्र ने एक शरणार्थी एजेंसी, UNRWA की स्थापना की, जो आज 1.6 मिलियन पंजीकृत फलिस्तीन को सेवाएं प्रदान करता है
1967 - युद्ध और इजरायली सैन्य कब्जा
- 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में इजरायल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। उस वर्ष इजरायली जनगणना के अनुसार गाजा की जनसंख्या 394,000 थी, उनमें से कम से कम 60% शरणार्थी हैं।
- मिस्रवासियों के चले जाने के बाद, कई गजान श्रमिकों ने वहां नौकरियां ले लीं।
- इजरायली सैनिक उस क्षेत्र का प्रशासन करते रहे और उन बस्तियों की रक्षा करते रहे जिन्हें इजरायल ने अगले दशकों में बनाया था।
1987 - पहला फलिस्तीनी विद्रोह, हमास का हुआ गठन
- 1967 के युद्ध के बीस साल बाद, फलिस्तीनियों ने अपना अभियान शुरू किया
- गाजा के जबल्या शरणार्थी शिविर में फलिस्तीनी श्रमिकों को ले जा रहे एक वाहन में एक इजरायली ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद फलिस्तीनियों ने पहला इंतिफादा या विद्रोह शुरू किया, जिसमें चार लोग मारे गए।
- गुस्से को भांपते हुए, मिस्र स्थित मुस्लिम ब्रदरहुड ने गाजा में अपनी शक्ति आधार के साथ एक सशस्त्र फलिस्तीनी शाखा, हमास बनाई।
1993 - ओस्लो समझौता
- तनाव के बीच इजरायल और फलिस्तीनियों ने एक ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए
- फिलिस्तीनियों को पहले गाजा और वेस्ट बैंक में जेरिको में सीमित नियंत्रण दिया गया था।
- हालांकि आगे चलकर ये समझौता कामयाब नहीं हुआ।
2000 - दूसरा फलिस्तीनी इंतिफादा
- 2000 में, इजरायल-फिलिस्तीनी संबंध एक नए निचले स्तर पर पहुंच गए।
- इसकी शुरुआत आत्मघाती बम विस्फोटों और गोलीबारी हमलों से हुई।
2014 में हमास और इजरायल के बीच हुई थी भीषण लड़ाई
- हमास और अन्यृ समूहों ने इजरायल के प्रमुख शहरों में रॉकेट लॉन्च किए।
- 2,100 से अधिक फलिस्तीनी मारे गये, जिनमें अधिकतर नागरिक थे।
2023 की वर्तमान स्थिति
- 7 अक्टूबर, 2023 में हमास द्वारा इजरायल पर अचानक किए गए हमले से तनाव और बढ़ गया है।
- हमास ने इजरायल के 1400 लोगों को मौत के घाट उतारा और 200 से अधिक को बंधक बनाकर गाजा में रखा है।
- हमास द्वारा संचालित चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि 8,300 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 3,400 से अधिक नाबालिग शामिल है।