Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

हमास से ज्यादा ताकतवर है हिजबुल्लाह! इजरायल के सामने कहां टिकता है ये चरमपंथी गुट ?

इजरायल ने हवाई हमले में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरअल्लाह को भले ही मार दिया हो मगर इजरायल को अब भी उसकी ताकत का अहसास है। यही वजह है कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग जारी रखने का एलान किया है। उधर हिजबुल्लाह ने भी कहा कि वह अपने कदम पीछे नहीं खींचेगा। अब इजरायली सेना ने ग्राउंड ऑपरेशन को भी शुरू कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 01 Oct 2024 05:35 PM (IST)
Hero Image
Israel - Hezbollah War: आमने-सामने इजरायल हिजबुल्लाह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिजबुल्लाह... इन दिनों यह नाम पूरी दुनिया में चर्चा में है। वजह इजरायल के साथ नई जंग है। वैसे तो इजरायल और हिजबुल्लाह की दुश्मनी करीब 42 साल पुरानी है। मगर नई जंग की शुरूआत 7 अक्तूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से हुई। 11 महीने तक इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हल्की-फुल्की झड़पें होती रहीं। मगर अब इजरायल ने पूरी ताकत से इस चरमपंथी गुट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इजरायल को खुद पता है कि हिजबुल्लाह हमास नहीं है। उससे लड़ना इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि हिजबुल्लाह हमास से कई गुना ताकतवर है। इस संगठन की ताकत को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद बड़ा खतरा मानती है।

यह भी पढ़ें: आसान नहीं हिजबुल्लाह से इजरायल की जमीनी जंग, IDF को इन चुनौतियों का करना पड़ेगा सामना; कहीं घिर न जाए नेतन्याहू की फौज!

लेबनान में हिजबुल्लाह का सरकार जैसा रुतबा

हिजबुल्लाह के बारे में कहा जाता है कि लेबनान में उसकी हैसियत एक राज्य के अंदर राज्य जैसी है। इसका मतलब यह है कि हिजबुल्लाह लेबनान में एक समानांतर सरकार है। इसकी ताकत दुनिया के कई देशों की सेनाओं की तुलना में अधिक है। यह संगठन दुनिया की सबसे बड़ी गैर-सरकारी सेना है।

दो लाख से अधिक मिसाइल, मोर्टार और रॉकेट का जखीरा

हिजबुल्लाह की सबसे बड़ी ताकत उसका हवाई जखीरा है। हिजबुल्लाह के पास रॉकेट, मोर्टार और मिसाइलों का इतना बड़ा जखीरा है जो शायद ही इजरायल के किसी अन्य दुश्मन संगठन के पास हो। इजरायल की सेना आईडीएफ का खुद मानना है कि हिजबुल्लाह के पास 200,000 से अधिक रॉकेट, मोर्टार और मिसाइलें हैं।

शॉर्ट-रेंज अनगाइडेड रॉकेट

मार्च 2024 में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें हिजबुल्लाह की ताकत का खुलासा किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह के पास 40 से 80 हजार तक की संख्या में शॉर्ट-रेंज अनगाइडेड रॉकेट हैं। यह 20 किमी दूर तक के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है।

जखीरे में तबाही मचाने वाली स्कड मिसाइलें भी

हिजबुल्लाह के पास 60 से 80 हजार लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम अनगाइडेड रॉकेट हैं। ये 100 किलोमीटर तक किसी भी चीज को निशाना बना सकते हैं। उसके जखीरे में स्कड मिसाइलें हैं। यह मिसाइलें 500 किलोमीटर तक की रेंज में तबाही मचाने में सक्षम हैं। चरमपंथी गुट के पास 80,000 लंबी दूरी की मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट प्रणाली भी है। इनकी मदद से 100 किमी तक की रेंज पर हमला किया जा सकता है।

बैलिस्टिक मिसाइलें सबसे बड़ा खतरा

इजरायल के सामने सबसे बड़ी चिंता हिजबुल्लाह की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। ये मिसाइलें 160-300 किमी तक मार करने में सक्षम है। बता दें कि लेबनान की सीमा से इजरायल की राजधानी तेल अवीव सिर्फ 150 किमी दूर है। हिजबुल्लाह की फतेह-110 बैलिस्टिक मिसाइल 500 किलो का वारहेड 300 किमी दूर तक ले जाने में सक्षम है। गुट के पास लगभग 30,000 फतेह-110 मिसाइलें हैं। यह दक्षिणी इजरायल तक हमला कर सकती हैं।

पहली बार तेल अवीव पर किया हमला

25 अगस्त को हिजबुल्लाह ने तेल अवीव पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल दागी। यह पहली बार था जब हिजबुल्लाह ने इजरायल के इतने अंदर तक मिसाइल से हमला किया।

ड्रोन सेना भी बढ़ा सकती परेशानी

हिजबुल्लाह के पास ड्रोन सेना भी है। संगठन के 10 प्रकार के ड्रोन इजरायल के सामने बड़ी चुनौती हैं। इन ड्रोन के सहारे हिजबुल्लाह इजरायल पर हमला, निगरानी और आत्मघाती हमला कर सकता है। हिजबुल्लाह के पास सबसे ताकतवर ड्रोन शाहेद 129 है। यह ड्रोन ईरान में बना है। खास बात यह है कि ये ड्रोन दो हजार किमी तक 34 किलो के दो बम ले जाने में सक्षम है।

हिजबुल्लाह का करार ड्रोन 125 किलो के दो बम ले जा सकता है। हालांकि इसकी रेंज कम है। 24 सितंबर को हिजबुल्लाह ने हाइफा में एक ड्रोन हमला किया था। यह इजरायल पर हिजबुल्लाह का किया गया अब तक का सबसे दूर का ड्रोन हमला था।

इजरायल की ताकत

हमास के बाद हिजबुल्लाह के साथ युद्ध को देखकर यही लग रहा है कि इजरायल की ताकत अथाह है। पिछले 11 महीने से हमास के खिलाफ लड़ने के बाजवूद इजरायल की सेना न थकी और न रुकी है। मध्य पूर्व में सबसे उन्नत किस्म की मिसाइलों का जखीरा सिर्फ इजरायल के पास है। खास बात यह है कि इनका उत्पादन इजरायल में ही होता है। हिजबुल्लाह सैन्य ताकत में इजरायल के सामने कहीं नहीं टिकता है।

इजरायल के पास परमाणु ताकत

इजरायल ने कभी आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि उसके पास परमाणु बम हैं। मगर ऐसा माना जाता है कि उसके पास 90 परमाणु बम हैं।

इजरायल की मिसाइल ताकत

इजरायल के पास कम दूरी तक मार करने में सक्षम पोपे और गेब्रियल मिसाइलें हैं। वहीं लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम जेरिका-2 और जेरिका-3 मिसाइलें हैं। ये दोनों ही मिसाइलें बैलिस्टिक हैं। जेरिका-2 की मारक क्षमता 1,500-3,500 किमी और जेरिका-3 की क्षमता 4,800-6,500 किमी तक की है।

घातक एयर डिफेंस सिस्टम

इजरायल की सबसे बड़ी ताकत में से एक उसका एयर डिफेंस सिस्टम है। हजारों मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन का सामना करने के बावजूद इजरायल को पिछले 11 महीने के युद्ध में उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना हमास और हिजबुल्लाह को उठाना पड़ा। इसकी सबसे बड़ी वजह इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम है। इजरायल के पास तीन एयर डिफेंस सिस्टम हैं। ये तीनों आपस में जुड़े हैं।

  • आयरन डोम: आयरन डोम कम दूरी की मिसाइलों को तबाह करने में सक्षम है। इस सिस्टम की मदद से इजरायल 4-70 किमी की रेंज वाले रॉकेट और मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर देता है।
  • डेविड स्लिंग: यह डिफेंस सिस्टम मध्य दूरी की मिसाइलों और रॉकेट को हवा में तबाह करने की ताकत रखता है। अगर कोई मिसाइल 40 से 300 किमी दूर से लॉन्च की गई है तो यह एयर डिफेंस सिस्टम उसे हवा में मार गिराने में सक्षम है।
  • एरो-3 इंटरसेप्टर: यह सिस्टम लंबी दूरी की मिसाइलों को निष्क्रिय कर सकता है। अगर कोई मिसाइल 2,400 किमी दूर से लॉन्च की गई है तो इजरायल इसी सिस्टम की मदद से उसे रोकता है।

इजरायल के पास 241 लड़ाकू विमान

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के मुताबिक इजरायल के पास दुनिया की 20 सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है। इजरायल के पास 241 लड़ाकू विमान, 48 हमलावर हेलीकॉप्टर और 2,200 टैंकों का जखीरा है। इसमें F-35 जैसे एडवांस लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। इजरायल के पास छह पनडुब्बियां और सात युद्धपोत भी हैं।

सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी भी

इजरायल की सबसे बड़ी ताकत उसकी खुफिया एजेंसी है। इजरायल के पास मोसाद जैसी दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है। सैन्य ऑपरेशन से पहले दुश्मन की जानकारी जुटाना मोसाद का काम है। जुटाई गई जानकारी के आधार पर दुश्मन को ठिकाने लगाना आईडीएफ का काम है। इजरायल की यही रणनीति उसे जंग में बढ़त दिलाती है। घरेलू खुफिया निगरानी की खातिर इजरायल ने शिन बेट नाम की अलग एजेंसी बना रखी है।

यह भी पढ़ें: 'पेजर अटैक इजरायल का मास्टरट्रोक', भारत ऐसे हमलों से कैसे बच सकता? सेना प्रमुख ने बताया प्लान