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Israel Hamas War ने तोड़ दी खाड़ी देशों की 'एकता', इजरायल के समर्थन में खड़े हुए ये दो मुस्लिम देश

इजरायल हमास युद्ध को लेकर खाड़ी देश दो धड़ों में बंट चुका है। भारत समेत पश्चिमी देश इजरायल के साथ खड़े हैं। वहीं कई अरब देश फलस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि इस युद्ध को लेकर अरब देश बंटे हुए हैं। कई मुस्लिम देशों ने हमास के हमले की आलोचना की है। गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन ने हमास के हमले की निंदा की है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 11 Oct 2023 10:05 PM (IST)
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इजरायल हमास युद्ध को लेकर बंटे खाड़ी देश।(फोटो सोर्स: जागरण)
जागरण न्यूज नेटवर्क, तेल अवीव। Israel Hamas War।  हमास के आतंकियों के खिलाफ इजरायल ने युद्ध छेड़ दिया है। शनिवार तड़के हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे, जिसके बाद इजरायल जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इस युद्ध में अब तक तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायली सेना ने जानकारी दी कि अब तक 155 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है।

युद्ध को लेकर बंटा खाड़ी देश 

इस युद्ध को लेकर खाड़ी देश दो धड़ों में बंट चुका है। भारत समेत पश्चिमी देश इजरायल के साथ खड़े हैं। वहीं, कई अरब देश फलस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, इस युद्ध को लेकर अरब देश भी बंटा हुआ है। कई मुस्लिम देशों ने हमास के हमले की आलोचना की है। गौरतलब है कि अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन (Bahrain) ने हमास के हमले की निंदा की है।

इजरायल के साथ खड़े हैं ये दो मुस्लिम देश

यूएई के विदेश मंत्रालय ने भी आम लोगों की हत्या करने और उन्हें बंधन बनाने का आलोचना की है। यूएई ने ये भी कहा कि दोनों तरफ के आम लोगों को सुरक्षित रहने का अधिकार है। बहरीन ने दोनों तरफ से क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए शांति की पहल की है। यूएई ने इजरायल के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है।

बात करें बहरीन की तो उसने इजरायली नागरिकों और सैनिकों को बंधन बनाने को लोकर हमास के आतंकियों की निंदा की है। बहरीन ने लड़ाई रोकने के लिए दोनों क्षेत्रों से अपील की है।

युद्ध को लेकर खाड़ी देशों में मची खलबली

वहीं, सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान और ईरान जैसे देशों ने इजरायल की खिलाफत की है।  सऊदी अरब भी फलस्तीन के समर्थन में खड़ा हो चुका है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात करते हुए कहा कि सऊदी अरब, फलस्तीन के लोगों के अधिकार हासिल करने, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति प्राप्त करने में हमेशा उनके साथ खड़ा रहेगा। इसके अलावा, सऊदी अरब ने कहा कि हमें फिलिस्तीन का समाधान निकालने की जरूरत है।

हमास की कार्रवाई जिहाद की अभिव्यक्ति: ईरान 

गौरतलब है कि इजरायल के खिलाफ इस समय सऊदी अरब से ज्यादा मुखर ईरान है।  ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले का समर्थन करते हुए इसे फलस्तीन के लोगों की सेल्फ-डिफेन्स (आत्मरक्षा के लिए लड़ने का अधिकार) की कोशिश बताया है।

ईरान के मुताबिक, हमास की यह कार्रवाई जिहाद की अभिव्यक्ति है। इतना ही नहीं ईरान ने इस्लामिक देशों से अपील की कि वो फलस्तीन के लोगों के अधिकारों का समर्थन करें।

इजरायल और खाड़ी देशों के बीच समन्वय और शांति स्थापित करने के लिए वक्त-वक्त पर कई देशों के बीच कई समझौते हुए। आइए कुछ महत्वपूर्ण समझौते पर नजर डालें। 

खाड़ी राष्ट्रों में ये देश शामिल हैं

  • बहरीन
  • कुवैत
  • ओमान
  • कतर
  • सऊदी अरब
  • संयुक्त अरब अमीरात
ये सभी देश खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council- GCC) के सदस्य हैं।

भारत और खाड़ी देश के बीच रिश्ते काफी मजबूत 

भले हीं भारत इस इजरायल के साथ खड़ा है, लेकिन खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्ते काफी मजबूत हैं ।  सदियों पुराने इतिहास और संस्कृति की कड़ियों के अलावा भारत और खाड़ी देश आर्थिक रूप से भी एक-दूसरे से गहरे जुड़े हैं। वैश्विक मंच पर भी दोनों को एक दूसरे की जरूरत पड़ती है।

साल 2014 यानी सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाड़ी देशों के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने पर जोर दिया है। वर्ष 2015 में उन्होंने यूएई की यात्रा की थी। उसके बाद से वे 2018 और 2019 में वहां की यात्रा पर जा चुके हैं। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस 2017 और 2018 में भारत की यात्रा कर चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 2016 में कतर और ईरान गए थे और 2016 और 2019 में सऊदी अरब के दौरे पर गए थे। वर्ष 2018 में वे न सिर्फ फलस्तीन गए बल्कि रामल्ला की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने। अपने दौरे में पीएम खाड़ी देशों की कई मशहूर मस्जिदों में भी गए। उनमें अबू धाबी की शेख जाएद ग्रांड मास्क और मस्कट की सुल्तान कबूस ग्रांड मास्क शामिल हैं। साल 2023 के जुलाई महीने में पीएम मोदी यूएई के दौरे पर थे। 

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