गाजा, सीरिया और वेस्ट बैंक, तीनों को टारगेट कर हमला कर रहा इजरायल; मानवीय संकट के बीच 23 लाख लोगों ने छोड़ा घर
गाजा में हालात बदतर बने हुए है। डॉक्टरों को मरीजों और विस्थापित लोगों का इलाज बिना किसी मेडिकल फैसिलिटी को करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इसका कारण है जनरेटर के लिए ईंधन की कमी होना है। डॉक्टरों को सिलाई सुइयों के साथ कीटाणुनाशक के रूप में सिरका का उपयोग करके और बिना एनेस्थीसिया के सर्जरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 22 Oct 2023 08:00 PM (IST)
एपी, राफा (गाजा पट्टी)। इजरायल-हमास युद्ध को 15 दिन बीत चुके हैं और अब तक दोनों तरफ से जवाबी हमले थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शनिवार और रविवार को रात भर इजरायली युद्ध विमानों ने गाजा के ठिकानों पर हमला किया। इसके इलावा सीरिया में दो हवाई अड्डों और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में एक मस्जिद पर भी हमला किया।
बता दें कि इस मस्जिद का इस्तेमाल कथित तौर पर आतंकवादियों द्वारा किया जाता था। न केवल इजरायल हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है, बल्कि लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह पर भी गोलीबारी कर रहा है। इससे इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में तनाव बढ़ गया है। वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू किया, तो यह उसके जीवन की सबसे बड़ी गलती होगी।लेबनानी राज्य के लिए परिणाम विनाशकारी होंगे।
गाजा में मंडरा रहा मानवीय संकट
इस बीच राहत कर्मियों ने बताया कि गाजा में बढ़ते मानवीय संकट मंडरा रहा है, जहां क्षेत्र के आधे 23 लाख लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं। युद्ध के बीच इजरायल ने लोगों से उत्तरी गाजा छोड़ने के लिए अपना आह्वान दोहराया। समाचार एजेंसी AP के अनुसार, लगभग 700,000 लोग पहले ही गाजा छोड़कर भाग गए हैं, लेकिन सैकड़ों हजार लोग अभी भी वहीं हैं।इससे किसी भी जमीनी हमले में बड़े पैमाने पर नागरिक हताहत होने का खतरा बढ़ जाएगा। इजरायली सैन्य अधिकारियों का कहना है कि हमास का बुनियादी ढांचा और भूमिगत सुरंग प्रणाली उत्तर में गाजा शहर में केंद्रित है। इजरायल डिफेंस फोर्स हमास के इन सभी सुरंगों को कुचलना चाहता है।
'गंभीर जोखिम' में बच्चे
वहीं, गाजा में हालात बदतर बने हुए है। डॉक्टरों को मरीजों और विस्थापित लोगों का इलाज बिना किसी मेडिकल फैसिलिटी को करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इसका कारण है जनरेटर के लिए ईंधन की कमी होना है। डॉक्टरों को सिलाई सुइयों के साथ, कीटाणुनाशक के रूप में सिरका का उपयोग करके और बिना एनेस्थीसिया के सर्जरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जनरेटर ईंधन की कमी के कारण कम से कम 130 समय से पहले जन्मे बच्चे 'गंभीर जोखिम' में हैं। बिजली, पानी और दवाओं की कमी से अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है, समय से पूर्व पैदा हुए 130 शिशुओं की जान को खतरा पैदा हो गया है।