गाजा में निरीह नागरिकों पर हमले से चौतरफा घिरा इजरायल, भारत बोला- मदद का इंतजार कर रहे 112 लोगों की मौत दुखदायी
गाजा में मानवीय मदद की आस में जुटे सौ से अधिक फलस्तीनियों की हवाई हमले में मौत को लेकर इजरायल घिरता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना को लेकर गहरा रोष जताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तरी गाजा में निरीह नागरिकों की इस तरह मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इससे गहरा सदमा लगा है।
रॉयटर्स, यरुशलम। गाजा में मानवीय मदद की आस में जुटे सौ से अधिक फलस्तीनियों की हवाई हमले में मौत को लेकर इजरायल घिरता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना को लेकर गहरा रोष जताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तरी गाजा में निरीह नागरिकों की इस तरह मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इससे गहरा सदमा लगा है।
अमेरिका और जर्मनी ने घटना की जांच की मांग की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सख्त नाराजगी जताते हुए इजरायली सैनिकों के इस कृत्य के विरुद्ध न्याय की मांग की है। ब्राजील ने भी इस कार्रवाई को इजरायल के नैतिक और कानूनी दायरे से बाहर बताया।
कोलंबिया के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध को नरसंहार बताया
इसके साथ ही तुर्किये, सउदी अरब, मिस्त्र और जॉर्डन, दक्षिण अफ्रीका ने भी इसकी आलोचना की है। कोलंबिया के राष्ट्रपति ने गाजा में युद्ध को नरसंहार बताते हुए इजरायली हथियार खरीदना बंद करने का फैसला लिया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने भी इसकी निंदा करते हुए युद्धविराम की मांग की है।मदद का इंतजार कर रहे 112 लोगों की मौत दुखदायी- भारत
हालांकि, इजरायल हमले से इनकार कर रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि गुरुवार को मानवीय मदद का इंतजार कर रहे 112 लोगों की मौत दुखदायी है। कहा, गाजा में इस तरह नागरिकों की मौत और मानवीय स्थिति लगातार रहना चिंता का विषय है।
सीताराम येचुरी ने घटना की निंदा की
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने घटना की निंदा करते हुए भारत सरकार पर अमेरिका के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। कहा, भारत को भी इजरायल में हो रहे नरसंहार को रोकने की वैश्विक मांग के साथ शामिल होना चाहिए।हमने कोई हमला नहीं किया- इजरायल
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजरायली बल की गोलाबारी में गुरुवार को 100 से अधिक फलस्तीनियों की जान चली गई। साथ ही 700 के करीब लोग घायल हो गए। ये लोग वहां एकत्र होकर मानवीय मदद का इंतजार कर रहे थे। जबकि इजरायल का कहना है कि उसने कोई हमला नहीं किया। ये लोग सहायता सामग्री देने वाली ट्रक को घेर कर खड़े थे जिसमें कुचल कर या भगदड़ में मारे गए।