'Wrath of God', जब इजरायल ने 11 खिलाड़ियों की हत्या का चुन-चुनकर लिया था बदला, ओलंपिक आतंकी हमले के बाद मोसाद ने चलाया था खूंखार ऑपरेशन
Munich Massacre ईरान-इजरायल युद्ध के गहराते संकट के बीच हम आपको बताने जा रहे हैं ओलंपिक खेल में हुए एक आतंकी हमले के बारे में जिससे पूरी दुनिया दहल गई थी। इसके बाद इजरायल ने बदला लेने के लिए सालों तक ऐसा ऑपरेशन चलाया जिस पर आगे चलकर कई फिल्में बनीं और किताबें भी लिखी गईं। इसे Operation Wrath of God के नाम से जाना जाता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस में चल रहे ओलंपिक खेल में दुनियाभर के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। विश्वस्तरीय इवेंट होने के कारण कड़ी सुरक्षा के बीच खेलों का आयोजन कराया जा रहा है। सुरक्षा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि ओलंपिक खेलों का इतिहास भी आतंकी घटनाओं से अछूता नहीं रहा है। 1972 ओलंपिक में हुई आतंकी घटना ने पूरे विश्व को स्तब्ध कर दिया था।
सन 1972 में जर्मनी के म्यूनिख में ओलंपिक खेलों का आयोजन कराया गया था। ओलंपिक की शुरुआत 26 अगस्त 1972 को हुई थी। म्यूनिख से करीब 20 किमी दूर पर ओलंपिक विलेज बनाया गया था, जहां के होटलों में खिलाड़ी ठहरे हुए थे।
इजरायली खिलाड़ियों के होटल में घुसे आतंकी
खेलों के दौरान 6 सितंबर 1972 को फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन ब्लैक सितंबर के पांच नकाबपोश आतंकी उस होटल में घुस गए, जहां इजरायली खिलाड़ी रुके हुए थे। आतंकियों ने घुसते ही सबसे पहले इजरायली वेटलिफ्टर जोसेफ रोमानो को गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने कोच मोशे वेनबर्गे की हत्या कर दी।इधर, होटल में अफरातफरी मच गई और इसी बीच आतंकियों ने नौ इजरायली खिलाड़ियों को बंधक बना लिया। इसके बाद आतंकियों ने जर्मनी सरकार से मांग रखी कि इजरायल उनके कुछ नेताओं को रिहा करे, अन्यथा वह खिलाड़ियों को मार देंगे। जर्मनी सरकार उनकी मांगों के आगे झुक गई और उन्हें सुरक्षित काहिरा पहुंचाने की बात कही।
एयरपोर्ट में हुआ खूनी संघर्ष
आतंकी वहां से एयरपोर्ट के लिए निकले और साथ में खिलाड़ियों को भी लेकर गए। इधर जर्मनी ने प्लान बनाया कि वह एयरपोर्ट में ऑपरेशन के माध्यम से आतंकियों को मारकर खिलाड़ियों को बचा लेगा। एयरपोर्ट में शूटरों के गोली चलाते ही एक आतंकी ने हेलीकॉप्टर पर हाथगोला फेंक दिया। इसके बाद तेज धमाका हुआ और कई लोगों की जान चली गई।बचे हुए आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। एक-एक कर आतंकियों को मार गिराया गया, लेकिन इस खूनी संघर्ष (Munich Massacre) में सभी खिलाड़ियों की भी जान चली गई। इस घटना ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी थी। ओलंपिक खेलों को भी रद्द कर दिया गया था।